
बस्ती। शहर से करीब 10 किमी दूर स्थित चंदो ताल पक्षी विहार में इन दिनों सामाजिक सौहार्द की बयार बह रही है। यहां हर धर्म से जुड़ी वाटिकाएं तैयार की गई हैं। इसमें औषधीय पौधे लगाए गए हैं। वाटिकाओं में रोपे गए औषधीय पौधों के तनों और पत्तों को लेने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। इससे इस पक्षी विहार की उपयोगिता बढ़ती जा रही है।आंबेडकर नगर मार्ग से सटे पोखरनी के चंदो ताल पक्षी विहार की स्थापना वन विभाग ने वर्ष 1996 में की थी। 29 वर्षों में यहां वन विभाग ने जहां वन चेतना केंद्र की स्थापना की, वहीं कई उपयोगी वाटिकाओं को भी सुसज्जित किया। यहां धन्वंतरि, गुलाब, कारगिल समेत अन्य बाग और वाटिकाएं स्थापित हैं। कारगिल वाटिका अगर लोगों को देश भक्ति के जज्बे से सराबोर कर रही है तो तीर्थंकर, धन्वंतरि, नक्षत्र, नवग्रह, कुरानी वाटिका व गुरु का बाग सभी धर्म के लोगों को प्रेम और भाईचारे से रहने का संदेश देती हैं।इन वाटिकाओं में तैयार हैं ये पौधे
कप्तानगंज रेंज के रेंजर राजू प्रसाद के अनुसार, चंदो ताल पक्षी विहार की वाटिकाओं में देश व प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से उपयोगी पौधों को लाकर रोपा गया है। यहां स्थापित नवग्रह वाटिका में 27 प्रजाति के धार्मिक पौधों को रोपा गया है। इसका उपयोग हिंदू धर्म के अनुयायी अनुष्ठान में करते हैं। नक्षत्र वाटिका में सभी नक्षत्रों को प्रसन्न करने वाले पौधों को तैयार किया गया है। आयुर्वेद के प्रवर्तक भगवान धन्वंतरि वाटिका में आंवला, सीता अशोक, नीम, अर्जुन, बेल, जामुन, मौलश्री, मीठी नीम, कचनार, अमलताश, निर्गुंडी, अड़ूसा, हरिसिंगार, रसायन वृष्य ग्राही समेत 30 किस्म के औषधीय पौधे लगे हैं। तीर्थंकर वाटिका में जैन धर्म के अनुसार 24 तीर्थांकरों के अंश के रूप में 24 किस्म के पौधों को तैयार किया गया है।
सिख धर्म में वृक्षों के महत्व को देखते हुए गुरु के बाग की स्थापना की गई है। यहां नानक माता का पीपल, रीठा साहब का रीठा, टाली साहब का शीशम व हरमिंदर साहब के प्रिय बेर के वृक्ष तैयार किए गए हैं। इन्हें देखने के लिए सिख धर्म के लोग आते हैं। कुरानी वाटिका में कुरान मजीद में वर्णित विशिष्ट वृक्षों को तैयार किया गया है। इनमें खजूर, जैतून, अंगूर, अनार, अंजीर, पीलू, मेहंदी, बेरी, तुलसी व बबूल समेत 10 प्रजाति के पौधे लगाए गए हैं।
कोट
चंदो ताल में स्थापित वाटिकाओं की सुरक्षा के लिए वन रेंजर राजू प्रसाद की टीम को लगाया गया है। यहां और भी वाटिकाओं को स्थापित करने की तैयारी है, ताकि यहां आने वाले दर्शकों को बेहतर सुविधा मिल सके।