
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड (GEL) और अन्य के खिलाफ चल रही बैंक धोखाधड़ी जांच के सिलसिले में गोरखपुर में सपा के पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है. तिवारी पर 754 करोड़ रुपए की बैंक धोखाधड़ी के आरोप हैं, जो कंपनी के प्रमोटर और प्रमुख व्यक्ति हैं. गिरफ्तारी के बाद अब ईडी ने इस पूरे मामले पर बयान जारी किया है.
जांच एजेंसी ने कहा है कि 7 अप्रैल 2025 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ, गोरखपुर, महाराजगंज, नोएडा और मुंबई में कुल 10 स्थानों पर छापेमारी की. यह छापेमारी गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड (GEL) और अन्य के खिलाफ चल रही बैंक धोखाधड़ी जांच के तहत की गई. इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं में कार्रवाई की जा रही है.
अवैध संपत्तियों का पता लगाने के लिए छापेमारी
ईडी की टीम ने गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड के प्रमोटर और पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के आवास और कार्यालय परिसरों पर छापेमारी की. इसके अलावा कंपनी के अन्य निदेशकों और ठेकेदारों के ठिकानों पर भी छापे मारे गए. इन छापेमारी का उद्देश्य धोखाधड़ी से अर्जित धन और अवैध संपत्ति का पता लगाना था.
ईडी ने कहा कि इस मामले की जांच सीबीआई द्वारा की गई FIR के आधार पर शुरू की गई थी. गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने बैंक ऋणों में 754 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की थी. जांच में यह सामने आया कि कंपनी के प्रमोटर विनय शंकर तिवारी और उनके परिवार के सदस्य तथा रिश्तेदारों ने बैंक से उधार लिए गए पैसों को अपने संबंधित कंपनियों में हस्तांतरित कर दिया, जिससे बैंकिंग कंसोर्टियम को भारी नुकसान हुआ.
दो अस्थायी संपत्ति कुर्क
ईडी द्वारा अब तक की गई जांच में यह भी सामने आया कि कंपनी के प्रमोटर विनय शंकर तिवारी और उनके परिवार के कई सदस्य गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड के निदेशक, शेयरधारक और गारंटर हैं. इस मामले में अब तक दो अस्थायी संपत्ति जुर्माना (PAO) जारी किए जा चुके हैं. पहला PAO 17 नवंबर 2023 को जारी किया गया, जिसकी कीमत 72.08 करोड़ रुपए थी जबकि दूसरा 18 मार्च 2024 को जारी किया गया, जिसकी कीमत 30.86 करोड़ रुपए थी. इन दोनों PAO को न्यायालय द्वारा पुष्टि की गई थी.
कंपनी के पैसे का दुरुपयोग निवेश के नाम पर किया गया
जांच में यह भी पाया गया कि कंपनी के पैसे का दुरुपयोग निवेश के नाम पर किया गया, साथ ही बिना ब्याज के ऋण और अग्रिम राशि भी दी गई थी. इसके अलावा जब कंपनी का लोन NPA (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) हुआ, तो संपत्तियों को बेनामी कंपनियों में बिना किसी लेन-देन के ट्रांसफर कर दिया गया. छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं.
छापेमारी के दौरान, दो व्यक्तियों विनय शंकर तिवारी (मुख्य प्रमोटर और पूर्व विधायक) और अजीत पांडे (कंपनी के प्रमुख प्रबंधक) को गिरफ्तार किया गया. दोनों को लखनऊ में विशेष अदालत (PMLA) में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इसके बाद, ईडी ने दोनों आरोपियों की रिमांड की मांग की, जिसे अदालत ने 11 अप्रैल 2025 तक मंजूरी दी. मामले की आगे की जांच जारी है और अन्य आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.