सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण के मद्देनजर ग्रैप प्रतिबंधों में ढील देने से साफ इनकार कर दिया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, जब तक एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में लगातार सुधार नहीं दिखता, तब तक वह ग्रैप-3 या ग्रैप-2 से नीचे प्रतिबंध लगाने का आदेश नहीं दे सकता।
‘मजदूरों को राहत के तौर पर मजदूर उपकर का करें इस्तेमाल’
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि ग्रैप-4 के तहत लगे प्रतिबंधों से समाज के कई वर्ग, जैसे मजदूर और दिहाड़ी मजदूर, बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। इसके अलावा, उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्यों से कहा कि निर्माण कार्यों पर लगे बैन के दौरान मजदूरों के लिए राहत के तौर पर उनके पास जमा लेबर सेस (मजदूर उपकर) का इस्तेमाल किया जाए।
‘स्कूल फिर से खोलने पर विचार करे CAQM’
वहीं शीर्ष अदालत ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से स्कूल फिर से खोलने पर विचार करने को भी कहा, क्योंकि कई छात्रों को मिड-डे मील नहीं मिल पा रहा है और ऑनलाइन शिक्षा में भी दिक्कतें हो रही हैं।
दिल्ली-एनसीआर के वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन कई इलाकों में एक्यूआई 300 के ऊपर दर्ज किया गया है। प्रदूषण के कारण बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए 12वीं तक के सभी स्कूल बंद रखे गए हैं और ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं।
क्या है वायु गुणवत्ता इंडेक्स के मानक?
एक्यूआई 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401-500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।