नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए 79,156 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान को मंजूरी प्रदान कर दी।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि पीएम जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान पांच वर्षों तक चलेगा। उन्होंने कहा कि बजट भाषण 2024-25 में की गई घोषणा के अनुसार इससे लगभग 63,000 जनजातीय बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों के लिए लक्षित इस कार्यक्रम से 549 जिलों और 2,740 ब्लॉकों के पांच करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों को लाभ मिलेगा। यह 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी आदिवासी बहुल गांवों में फैले 549 जिलों और 2,740 ब्लॉकों को कवर करेगा।
प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान का लक्ष्य केंद्र सरकार की विभिन्न सरकारी योजनाओं के समन्वय और पहुंच के माध्यम से सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका में महत्वपूर्ण अंतराल को समाहित करके और पहुंच बनाकर भरना है तथा पीएम जनमान (प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान) की सीख और सफलता के आधार पर आदिवासी क्षेत्रों और समुदायों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित करना है।
अभियान के अंतर्गत शामिल आदिवासी गांवों को पीएम गति शक्ति पोर्टल पर मैप किया जाएगा, जिसमें संबंधित विभाग द्वारा अपनी योजना विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए पहचाने गए अंतराल शामिल होंगे। पीएम गति शक्ति प्लेटफॉर्म पर भौतिक और वित्तीय प्रगति की निगरानी की जाएगी और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों को पुरस्कृत किया जाएगा।