- आधी रात को छात्राओं ने कुलपति आवास के बाहर प्रदर्शन का किया था
झांसी। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के झलकारी बाई गर्ल्स हॉस्टल की लड़कियों ने सोमवार की आधी रात के समय वार्डन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए मोर्चा खोल दिया था। इसको गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा के प्रमुख सचिव ने पूरे मामले की जानकारी बुंदेलखंड विश्वविद्यालय प्रशासन से मांगी थी।
जानकारी देते हुए कुलसचिव ने अपना स्पष्टीकरण दिया। लिखा कि वार्डन के पद से डॉ. अचला पांडेय को हटाते हुए शोमा मिश्रा को वार्डन नियुक्त किये जाने और समिति गठित करने की पूरी जानकारी व पूरे घटनाक्रम को अपने शब्दों में बयां करते हुए प्रमुख सचिव को भेजा है।
पत्र में बताया गया है कि बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झांसी के महिला छात्रावास मे निवासरत छात्राओं के स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधाओं की उपलब्धता के सम्बन्ध में 15-16 को वायरल वीडियो एंव सम्पूर्ण प्रकरण की जांच के तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है।
प्रकरण की संवेदनशीलता के दृष्टिगत तत्काल प्रभाव से वर्तमान वार्डन डा0 अचला पाण्डेय को कार्य को हटाकर डा0 सोमा अनिल मिश्रा को वार्डन का प्रभार प्रदान किया गया। जांच आख्या प्राप्त होने के उपरान्त नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। यह भी लिखा है कि कतिपय अवांछित तत्वों द्वारा जानबूझकर तथ्यो को तोड़-मरोड़ कर भ्रामक सूचनायें सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रहीं है ।विश्वविद्यालय परिसर एवं छात्रावास छात्र-छात्राओं के लिये पूर्णत: सुरक्षित है। विश्वविद्यालय पूर्णत: सुरक्षित वातावरण एवं शैक्षिक उन्नयन बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
गौरतलब है कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के परिसर में झलकारी बाई गर्ल्स हॉस्टल की लड़कियों ने आधी रात के समय वार्डन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए मोर्चा खोल दिया था। प्रदर्शनकारी लड़कियों का आरोप था कि हॉस्टल वार्डन उनकी किसी भी काम को नहीं करती हैं। अगर किसी लडक़ी की रात में तबीयत खराब हो या बीमार हो उसके लिए एंबुलेंस नहीं बुलाई जाती है। वाटर कूलर को सही करने की बात कहें तो उसको भी इग्नोर कर देती है। बिजली नहीं आने की शिकायत करने पर उल्टा लड़कियों को ही दोषी ठहरा कर डांटा जाता है। इन सब परेशानियों से त्रस्त होकर रात में लड़कियों ने कुलपति के बंगले के सामने प्रदर्शन करते हुए जमकर हंगामा काटा और हॉस्टल वार्डन को बदलने की मांग की थी।
इस संबंध में कुल सचिव विनय कुमार सिंह ने बताया की देर शाम कुलपति प्रोफेसर मुकेश पांडे की भेंट छात्रों के साथ हो गई थी। छात्राओं ने अपनी समस्याओं को कुलपति के सामने रखा। उनकी समस्याओं के निस्तारण के लिए उन्हें आश्वस्त किया गया। इसके बाद सभी खुशी होकर अपने हॉस्टल में पहुंच गए अब ऐसी कोई समस्या नहीं है।
सभी वार्डेन ने दिए इस्तीफे
सूत्रों की माने तो बीती देर रात छात्राओं द्वारा किए गए हंगामे के बाद विश्वविद्यालय के सभी वार्डन ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं डॉ. अचला पांडे ने भी महिला अध्ययन केन्द्र के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि अभी तक किसी का इस्तीफा स्वीकार किए जाने की खबर नहीं है।