महीने भर पहले 93 लाख की लागत से बने कठवारा शिवपुरी मार्ग को ध्वस्त कर रहे मिट्टी ढो रहे ओवरलोड डंपर

  • वर्षों की मांग के बाद जब किसी प्रकार सड़क पर पड़ा डामर,तो अब फिर सड़क को ध्वस्त करने में जुटे मिट्टी लदे ओवरलोड डंपर
  • सरकारी कार्यालयों के सामने से निकलते हैं ओवरलोड डंपर, हादसों को दे रहे न्यौता
  • सड़क को ध्वस्त होने से बचाने एवं इस सड़क पर मिट्टी लदे ओवरलोड डंपरों को तत्काल बंद करवाने की सीएम,विधायक व जिलाधिकारी से सैंकड़ों ग्रामीणों ने लगाई गुहार

लखनऊ। वर्षों की मांग के बाद किसी प्रकार इटौंजा से शिवपुरी होते हुए कठवारा जाने वाली सड़क पर डामर पड़ा तो ग्रामीणों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन उनकी खुशी ज्यादा दिन नहीं रह पाएगी।क्योंकि खनन कार्य में लगे डंपरों के आवागमन के बाद सड़क पहले से भी बदतर हो जाने की संभावनाएं प्रबल हो गई है। इन मिंट्टी ओवर लोड कर कर चल रहे इन डंपर सड़क को नुकसान पहुंचा रहे हैं।शिवपुरी से लेकर कठवारा तक इन ओवरलोड डंपरों ने सड़क को जगह जगह ध्वस्त करना शुरु कर दिया है। ग्रामीणों की लगातार मांग के बाद बीकेटी विधायक योगेश शुक्ला के प्रयासों से त्वरित उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग ने इस मार्ग को 93 लाख की लागत से बनाया गया।इस मार्ग का डामरीकरण हुए लगभग एक ही माह का समय बीता है।शिवपुरी गांव में खनन माफिया खेतों से मिट्टी खोदने में जुटे है। भारी संख्या में ओवरलोड डंफर रातभर व दिन भर मिट्टी भरकर सड़क पर फर्राटा भर रहे हैं, जिससे महीने भर पहले बनी यह सड़क एक बार फिर से पूरी तरह से ध्वस्त होने की कगार पर पहुंच गई है। शिवपुरी व कठवारा गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने महीने भर पहले 93 लाख खर्चकर बनाई गई इस सड़क को ध्वस्त होने से बचाने एवं इस सड़क पर मिट्टी लदे ओवरलोड डंपरों को तत्काल बंद करवाने की मुख्यमंत्री,विधायक,मंडलायुक्त लखनऊ मंडल लखनऊ व जिलाधिकारी से मांग की है।
गौरतलब है कि इटौंजा से शिवपुरी होते हुए कठवारा जाने वाली सड़क पर प्रतिदिन रातों दिन बड़ी संख्या में ओवरलोड मिट्टी भरे डंपर निकल रहें हैं।इस सड़क पर बेधड़क चल रहे डंपरों को ओवरलोड होने के बावजूद भी उन्हें जाने दिया जाता है। यहां सवाल यह उठता है कि उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग ने इस मार्ग को 93 लाख से निर्मित इस सड़क पर ओवरलोड़ वाहनों की आवाजाही के लिए हरी झंडी देने वाले इन लोगों को किसने अधिकार दिया है। इस ओर प्रशासनिक अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए।नहीं तो चंद दिनों में ही यह सड़क ध्वस्त हो जाएगी।ग्राम शिवपुरी के हरिनाम व मेवालाल ने बताया कि पूर्व में भी ओवरलोड वाहनों की ही आवाजाही के चलते जगह-जगह से यह पूरी सड़क उखड़ने के साथ गहरे गड्ढों में तब्दील हो गई थी।राहगीरों को इस सड़क पर चलने के लिए अपनी जान की बाजी लगानी पड़ती थी।ग्रामीणों ने यह भी बताया कि इस सड़क पर पूर्व में कई वाहन चालक चोटिल भी हो चुके हैं।विधायक योगेश शुक्ला के प्रयासों से वर्षो बाद इस खस्ताहाल सड़क का कायाकल्प हुआ है।लेकिन अब पुनः उक्त मार्ग पर ओवरलोड मिट्टी भरे डंपरों की आवाजाही प्रारंभ हो गई है, जो गलत है। क्षमता से अधिक मिट्टी भरे इन डंपरों की आवाजाही के चलते शिवपुरी से कठवारा तक कई जगह सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। यदि समय रहते इन डंपरों को नहीं रोका गया, तो चंद समय में ही 93 लाख की लागत से बनी यह सड़क एक बार फिर गड्ढों में तब्दील हो जाएगी।

अफसर कर रहे अनदेखी

ओवरलोड मिट्टी से भरे डंपर थाना,चौकी आदि सरकारी कार्यालयों के सामने से प्रतिदिन निकलते हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इन्हें अनदेखा कर दिया जाता है।इन डंपर ड्राइवरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।जिससे इन डंपर ड्राइवरों के हौसले बुलंद हैं।सीतापुर रोड नेशनल हाइवे पर चल रहे मिट्टी के ओवरलोड डम्परों को लेकर ट्रैफिक प्रशासन आंखे मूंदे बैठा हुआ है और ओवरलोड डम्परों से सड़क पर उड़ रही मिट्टी दो पहिया वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है।

धूल उड़ने से हर कोई परेशान

शिवपुरी गांव में रातों दिन किए जा रहे मिट्टी खनन किसानों व वाहन चालकों के लिए सरदर्द बना हुआ है। सड़क से उड़ने वाली धूल से पर्यावरण व फसल को तो नुकसान हो ही रहा है। साथ ही दुर्घटना होने का भी खतरा बढ़ गया है।लौकी,तोरई,खीरा इत्यादि फसलों की तो यह हालत हो गई है कि सड़क के साथ लगते खेतों में धूल मिटटी की परत जम जाने से फसल प्रभावित हो रही है। फसल को बचाने के लिए किसानों को फव्वारे चलाकर पौधों की धुलाई करनी पड़ रही है।जब भी सड़क से मिट्टी भरा डंपर गुजरता है या तेज हवा चलती है। उस समय उड़ने वाली धूल आंधी का रुप धारण कर लेती है।

पौधों के उपर धूल मिट्टी जम जाने से रुक जाता है उनका विकास

सीबी गुप्ता कृषि महाविद्यालय के कृषि कीट विज्ञान के विभागाध्यक्ष डा. सत्येंद्र कुमार सिंह का कहना है, कि पौधों के उपर धूल मिट्टी जम जाने से उनका विकास नहीं होता है, जिससे वह नष्ट हो जाते हैं या पैदावार में कमी आ जाती है।

धूल में सना इलाका, सांस लेने में तकलीफ

शिवपुरी गांव में रातों दिन लगातार किये जा रहे मिट्टी खनन व मिट्टी लदे डंपरों की आवाजाही से शिवपुरी से लेकर कठवारा गांव व चंद्रिका देवी रोड पर दिनभर उड़ने वाली धूल के चलते लोगों का जीना मुहाल हो गया है।उड़ती धूल से अस्थमा के मरीजों का दम घुट रहा है। आम लोगों में भी आंखों में जलन के साथ पानी बहने की समस्या बढ़ी है। चर्म रोग की चपेट में आ रहे हैं।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीकेटी के अधीक्षक डा. जेपी सिंह का कहना है कि धूल के कणों से आस्थमा के साथ ही कई तरह की बीमारियां घेर लेंगी। सबसे ज्यादा दिक्कत बुजुर्गों और बच्चों को है, उनमेें निमोनिया और ब्रानकाइटिस की बीमारी बढ़ने की संभावनाएं हैं।उन्होंने यह भी कहा कि धूल-मिट्टी और प्रदूषण के कण में कई तरह के माइक्रोऑर्गैनिस्म होते हैं, जो हर किसी के लिए नुकसानदायक होते हैं।जब ये नज़र न आने वाले कीटाणु मुंह या नाक के रास्ते शरीर के अंदर जाते हैं, तो बॉडी इसे झेल नहीं पाती है। कई लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है या बॉडी सेंसेटिव होती है, उन लोगों में डस्ट एलर्जी होने की आशंका बढ़ जाती है।

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