बसपा आरक्षण में किसी तरह के वर्गीकरण के खिलाफ: मायावती

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने लखनऊ में रविवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण को लेकर लिए गये​ निर्णय के संबंध में प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का एक अगस्त का आरक्षण से संबंधित निर्णय से बसपा सहमत नहीं हैं।

न्यायालय ने इससे पहले वर्ष 2004 में फैसला सुनाया था, तब उन्होंने उपवर्गीकरण की अनुमति नहीं दी थी अब फैसला पलट दिया है। इसकी वजह से केंद्र और राज्य की सरकारों के बीच टकराव देखने को मिलेगा। जब राज्यों के पास यह शक्ति आ जाएगी तो यह सरकारें जिस वोट बैंक से लाभ मिलेगा उसे आरक्षण देंगे और इस तरह से एससी—एसटी को मिल रहा आरक्षण खत्म हो जाएगा।

बसपा प्रमुख ने कहा की हम आरक्षण में किसी तरह के वर्गीकरण के खिलाफ हैं। एससी-एसटी आरक्षण व्यवस्था को लेकर संविधान में उचित संशोधन करना चाहिए और इसे संविधान की 9वीं अनुसूची में डाला जाना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त को कहा कि राज्यों को अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण (कोटे के भीतर कोटा) करने का संवैधानिक अधिकार है, जो सामाजिक रूप से विषम वर्ग का निर्माण करते हैं, ताकि सामाजिक और शैक्षणिक रूप से अधिक पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए आरक्षण दिया जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय दिया है उसको सरकार संसद के माध्यम से इसको बदल देना चाहिए अगर नहीं बदलते हैं तो हमें यह मानना चाहिए की भाजपा और कांग्रेस एक जैसे ही हैं।

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