जच्चा-बच्चा दोनों के लिए फायदेमंद है Breast Feeding

नई दिल्ली। आपने कई बार सुना होगा कि पहले 6 महीने मां का दूध ही है बच्चे के लिए सबसे स्वस्थ आहार। डॉक्टर्स भी इस बात पर जोर देते हैं और सरकार भी समय-समय पर इस बारे में जागरुकता फैलाने के लिए प्रचार आदि करती रहती है। स्तरपान करवाने से बच्चे को कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं, जिनके बारे में हम सभी को पता होना बेहद जरूरी है। आपको बता दें कि यह सिर्फ बच्चे के लिए ही नहीं, बल्कि मां के लिए भी जरूरी होता है।

इसलिए अगस्त के पहले सप्ताह को World Breastfeeding Week की तरह मनाया जाता है। इस साल की थीम है- Closing the gap: Breastfeeding support for all। इस थीम के जरिए स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को उनका परिवार और समाज किस तरह सपोर्ट कर सकता है, इस बारे में जागरूक बनाने की कोशिश की जाती है।

ब्रेस्ट फीड करवाना बच्चे और मां, दोनों के लिए क्यों जरूरी है इस बारे में डॉ. तृप्ति रहेजा (सी.के. बिरला अस्पताल, दिल्ली में स्त्री एवं प्रसुति रोग विभाग की लीड कंसल्टेंट) ने कुछ जरूरी बातें बताई। आइए जानें इस बारे में।

मां का दूध बच्चे के लिए क्यों जरूरी है?

डॉ. रहेजा ने बताया कि ब्रेस्ट फीडिंग शिशु की इम्युनिटी को मजबूत बनाने के लिए काफी जरूरी है, क्योंकि ब्रेस्ट मिल्क में एंटीबॉडीज मौजूद होते हैं। खासकर IgA, जो बच्चे के गले, फेफड़ों और आंत की म्यूकस मेमब्रेन को सुरक्षित रखता है।

ब्रेस्ट मिल्क में व्हाइट ब्लड सेल्स मौजूद होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को बीमारियों और इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं। व्हाइट ब्लड सेल्स यानी सफेद रक्त कोशिकाएं शरीर के सिपाही होते हैं, जो किटाणुओं को अटैक करने से रोकते हैं।

ब्रेस्ट मिल्क में कई प्रोटीन और एंजाइम्स भी पाए जाते हैं, जैसे- लैक्टोफेरीन, लाइजोम्स और ओलिगोसैक्राइड्स, जो हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकते हैं।

इसमें प्रोबायोटिक गुण भी पाेए जाते हैं, जो लाभदायक बैक्टीरिया को बढ़ने में मदद करते हैं और इम्युनिटी को मजबूत बनाते हैं।

ब्रेस्ट मिल्क एलर्जी और सूजन से बचाने में भी मदद करता है, क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व, जैसे- साइटोकाइन्स पाए जाते हैं।

स्तनपान करने से बच्चे को संपूर्ण पोषण मिलता है, जो उसके बेहतर विकास में मदद करता है। ब्रेस्ट मिल्क में प्रोटीन, फैट, विटामिन्स, मिनरल्स और कार्बोहाइड्रेट्स पाए जाते हैं।

ब्रेस्ट मिल्क पचाने में बच्चे को कोई परेशानी नहीं होती। मिल्क फॉर्मूला की तुलना में यह आसानी से पच जाता है।

ब्रेस्ट मिल्क बच्चों में पाचन से जुड़े इन्फेक्शन और बीमारियां, जैसे- नेक्रियोटाइसिंग एंट्रोकोलाइटिस से बचाने में भी मदद करता है।

जिन बच्चों को ब्रेस्ट फीड करवाया जाता है, उनका IQ और दिमागी विकास ब्रेस्ट फीड न होने वाले बच्चों की तुलना में ज्यादा बेहतर होता है।

मां के लिए कैसे फायदेमंद है ब्रेस्ट फीडिंग?

स्तनपान मां और बच्चे के रिश्ते को और मजबूत बनाने में मदद करता है। इससे बच्चे को सुरक्षा का एहसास होता है और मां को भी पोस्टपार्टम डिप्रेशन से बचने में मदद मिलती है।

ब्रेस्ट फीड करवाने से मां में ऑक्सीटोसिन रिलीज होता है, जिससे यूटेरस में कॉन्ट्रेक्शन होते हैं और उसका आकार सामान्य होना शुरू होता है।

प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़े हुए वजन को कम करने में भी ब्रेस्ट फीडिंग मददगार होता है, क्योंकि इससे एक्ट्रा कैलोरी बर्न होती हैं।

ब्रेस्ट फीड करवाने से मां में ओवेरियन कैंसर, टाइप-2 डायबिटीज, ब्रेस्ट कैंसर, हार्ट अटैक और ओस्टियोपोरोसिस का खतरा कम होता है।

ब्रेस्ट फीड करवाना मिल्क फॉर्मूला से ज्यादा किफायती होता है।

डॉ. रहेजा बताती हैं कि जन्म के एक घंटे बाद ब्रेस्ट फीड करवाना शुरू करना चाहिए और अगले 6 महीनों तक जरूर करना चाहिए।

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