कानपुर के ग्रीनपार्क की बदहाली के लिए खेल विभाग व यूपीसीए दोनों ही जिम्मेदार

कानपुर के ग्रीनपार्क की बदहाली के लिए खेल विभाग व यूपीसीए दोनों ही जिम्मेदार हैं। 2015 में खेल विभाग व यूपीसीए के बीच हुए एमओयू में तय हुआ था कि स्टेडियम में बड़ा निर्माण कार्य विभाग करवाएगा, जबकि मरम्मत की जिम्मेदारी यूपीसीए की रहेगी। इसके विपरीत स्टेडियम से कमाई करने के बाद भी यहां न तो नई दर्शक दीर्घाओं का निर्माण हुआ और न ही मरम्मत कराई गई।

हर बार दोनों निर्माण कार्य और दर्शक क्षमता को बढ़ाने के मुद्दे पर एक दूसरे के पाले में गेंद को फेंकते रहे। खेल विभाग ने पिछले नौ सालों में ग्रीनपार्क में हुए टेस्ट, आईपीएल और टी-20 सीरीज समेत अन्य मुकाबलों से करीब 14.45 करोड़ रुपये बतौर किराए से कमाए हैं। इसके बाद भी ग्रीनपार्क की विरासत को संजोने पर ध्यान नहीं दिया गया। ग्रीनपार्क स्टेडियम वर्तमान में कम दर्शक क्षमता का दंश झेल रहा है।

इससे स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय वनडे, टी-20 और आईपीएल के मुकाबले भी कई वर्षों से नहीं मिल रहे हैं। ग्रीनपार्क में अंतिम एकदिवसीय मैच 10 अक्तूबर 2017 को हुआ था। वहीं, भारत बनाम इंग्लैंड के बीच 26 जनवरी 2017 को टी-20 मैच खेला गया था। इसके बाद से स्टेडियम कम दर्शक क्षमता के कारण वनडे और टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए तरस रहा है।

2015 में यूपीसीए से हुआ था एमओयू
खेल विभाग व यूपीसीए के बीच हुए एमओयू के बाद से स्टेडियम में दो टेस्ट मैच, एक टी-20, आईपीएल के चार मैच, रोड सेफ्टी के सात मुकाबले और यूपी टी-20 लीग के 34 मैच हुए। लेकिन, हर बार दोनों ही विभाग निर्माण कार्य की जिम्मेदारी एक दूसरे पर डालते रहे। नतीजा रहा कि वर्तमान में खेल विभाग के अनुसार यहां दर्शक क्षमता 25711, पीडब्लूडी के अनुसार 22230 और यूपीसीए की ओर से 15720 बताई गई है।

खेल विभाग को यूपीसीए से मिला किराया
एमओयू के तहत यूपीसीए से खेल विभाग 2015 से 2020 तक एक करोड़ रुपये प्रतिवर्ष और 2021 से 2024 तक सवा करोड़ रुपये प्रतिवर्ष किराए के अलावा टेस्ट और वनडे मैच का 15-15 लाख रुपये, आईपीएल व टी-20 मैच का 25-25 लाख रुपये लेता है। यह सारा पैसा खेल विभाग राजस्व में जमा करवा देता है, जबकि ग्रीनपार्क के विकास के नाम पर एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ है। एमओयू के हिसाब से खेल विभाग ने नौ साल में किराए के 10 करोड़, दो टेस्ट मैच के 30 लाख, एक वनडे का 15 लाख, आईपीएल के चार मैच के एक करोड़, टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए 25 लाख, रोड सेफ्टी सीरीज के सात मैचों के कुल 1.75 करोड़ और यूपी टी 20 लीग के एक करोड़ रुपये यूपीसीए से प्राप्त किए हैं। इस तरह खेल विभाग को कुल 14.45 करोड़ रुपये मिले हैं।

पिछले वर्षों में क्या हुआ अब उसके बारे में नहीं सोचना है। प्रमुख सचिव खेल की ओर ग्रीनपार्क की दर्शक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रस्ताव खेल विभाग और यूपीसीए से मांगे गए हैं, ऐसे में यह एक सकारात्मक कदम है। खेल विभाग ने खुद भी माना है कि मैदान राज्य सरकार का है, ऐसे में वह पूरा सहयोग करेंगे। -अंकित चटर्जी, सीईओ यूपीसीए

खेल विभाग का जो काम है वह हम कर रहे हैं और यूपीसीए अपना काम कर रहा है। प्रमुख सचिव खेल की बैठक में अभी यह तय हुआ है कि छोटे काम टूटी कुर्सियां, मीडिया गैलरी, वीआईपी गैलरी आदि को ठीक करवाया जाएग, ताकि टेस्ट मैच अच्छे से हो। साथ ही पीडब्लूडी ने भी दर्शक क्षमता को लेकर निरीक्षण किया है, अब वह अपनी आख्या शासन को देगा तो आगे किस प्रकार कार्य करना है वह शासन तय करेगा। -आरएन सिंह, डिप्टी डायरेक्टर यूपीसीए

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