इंडिया गठबंधन की मजबूत किलेबंदी में कलह तलाश रही बीजेपी

कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया की सक्रियता ने बीजेपी खेमे में मचाई सनसनी

बाराबंकी। लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी की मजबूती देख बीजेपी अब साइलेंट मोड में आ गई है। उम्मीद से ज्यादा सीटों को जीतने का जो मंत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताओं को दिया है वह कार्यकर्ताओं में निराशा पैदा कर रहा है। वहीं इंडिया गठबंधन अपने सीक्रेट मिशन की सफलता के दावे कर रहा हैं। कांग्रेस की मजबूत किलेबंदी के चलते फिलहाल बीजेपी का गणित गड़बड़ाता दिख रहा है। कांग्रेस पार्टी पॉलिटिकल गेम प्लान के साथ अपनी सेहत का भी पूरा खयाल रख रही है। वहीं बीजेपी के केंद्रीय कार्यालय में योग-प्राणायाम से लेकर तरह तरह के आसन बीजेपी के संभावित उम्मीदवार कर रहे हैं। लेकिन चेहरे पर वो चमक दिखाई नहीं दे रही है, जो एक माह पहले दिख रही थी।

बताते चले कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने दूसरी बार उपेंद्र सिंह रावत पर भरोसा जताया था। टिकट मिलने के एक दिन बाद वर्तमान बीजेपी सांसद का कथित अश्लील वीडियो वायरल हो गया। कथित अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद उन्होंने चुनावी रणक्षेत्र में उतरने से दूरी बना ली है। मैदान से हटने पर बाराबंकी में बीजेपी के लिए डैमैज कंट्रोल की चुनौती पैदा हो गई है। लोकसभा उम्मीदवार के चुनावी मैदान से हट जाने पर बीजेपी को बाराबंकी में किसी नए चेहरे की तलाश है। कहा जा रहा है कि बीजेपी दलित चेहरे पर दांव लगा सकती है। समीकरण देखते हुए रावत समाज को ही बीजेपी का टिकट मिलने की उम्मीद है। बहरहाल इंडिया गठबंधन कांग्रेस के दिग्गज दलित नेता और पूर्व सांसद डॉ. पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया को बाराबंकी से लोकसभा उम्मीदवार बनाने की तैयारी में है।

सूत्रों को माने तो सांसद उपेंद्र सिंह रावत का कथित अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है। बीजेपी उम्मीदवार की जीत की संभावनायें और धूमिल होती दिख रही है। लेकिन पार्टी के नेता अब भी बड़ा खेल होने का दावा कर रहे हैं। बहरहाल जिले में कांग्रेस और सपा कैम्प में खुशी का माहौल है तो बीजेपी का जुगाड़ अभी परवान चढ़ता दिखाई नहीं दे रहा है। ये बात दीगर है कि राजनीति संभावनाओं का खेल है। लेकिन हाल फिलहाल गठबंधन प्रत्याशी की मजबूत किलेबंदी को भेद पाना उसके लिए संभव दिखाई नहीं पड़ रहा है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी किसी बड़े दलित नेता को चुनावी समर में उतार कर सियासी गर्मी में इजाफा करने की जरूर कोशिश करेगी।

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