मुंबईः पुणे में एक कारोबारी के आवास पर शरद पवार और अजित पवार के बीच हुई ‘गुप्त’ बैठक के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता जयंत पाटिल भी मौजूद थे। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनके चाचा शरद पवार की यह मुलाकात महाराष्ट्र की सियासत में चर्चा का विषय बन गई है। तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं। अजीत पवार ने इस मुलाकात पर कहा, ‘पवार साहब (शरद पवार) पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। मीडिया परिवार के सदस्यों के बीच हुई बैठक को तरह-तरह का प्रचार दे रहा है, जिससे भ्रम पैदा हो रहा है। यह सोचने का कोई कारण नहीं है कि बैठक में कुछ भी असामान्य हुआ।’ वहीं कांग्रेस के एक पूर्व मुख्यमंत्री की मानें तो, अजित पवार ने शरद पवार के साथ अपनी ‘गुप्त बैठक’ के दौरान एनसीपी संरक्षक को 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को समर्थन देने के लिए दो विशेष प्रस्ताव दिए।
पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार, अजीत ने अपने चाचा से कहा कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में कृषि मंत्री या नीति आयोग के अध्यक्ष के रूप में समायोजित किया जाएगा। वहीं सुप्रिया सुले और जयंत पाटिल को क्रमशः केंद्र और राज्य सरकार में समायोजित किया जाएगा।
पवार के बिना 35 लोकसभा सीटें जीतना नामुमकिन’
नाम न छापने की शर्त पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पवार ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वह किसी भी तरह से भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘भाजपा जानती है कि वह पवार के बिना 35 लोकसभा सीटें नहीं जीत सकती।’
पृथ्वीराज चव्हाण ने जताई नाराजगी
शनिवार को पुणे में एक डेवलपर के आवास पर अपने चाचा शरद पवार के साथ अजीत पवार की ‘गुप्त बैठक’ ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। एमपीसीसी अध्यक्ष नाना पटोले, यूबीटी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बैठक पर नाखुशी जताई थी।
कांग्रेस और यूबीटी सेना का तर्क था कि शरद पवार के लिए अपने भतीजे से मिलना गलत था, जो भाजपा के साथ हाथ मिला चुके हैं। अजीत पवार शिंदे-फडणवीस सरकार में उपमुख्यमंत्री बने, जो गलत है। महा विकास अघाड़ी ने भाजपा के खिलाफ मिशन चला रही है।
अजीत और शरद पवार ने दी सफाई
दूसरी ओर, अजीत और शरद पवार दोनों ने कहा कि अपने रिश्तेदारों से मिलने में कुछ भी गलत नहीं है। शरद पवार ने पूछा, ‘अजीत पवार मेरे भतीजे हैं। चाचा और भतीजे की मुलाकात को लेकर इतना हंगामा क्यों हो रहा है?’ लेकिन पटोले ने कहा कि बैठक स्वीकार्य नहीं थी। यूबीटी सेना और पटोले के संजय राउत ने कहा कि रविवार को उद्धव ठाकरे और पटोले के बीच हुई चर्चा में पवारों की बैठक हुई थी।