अंबेडकरनगर। लोकसभा चुनाव में चार सौ पार का लक्ष्य लेकर उतरी भाजपा ने बसपा छोड़कर आए रितेश पांडेय को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। गत लोकसभा चुनाव के विजेता होने से पार्टी इस बार उन्हीं के कंधे से जीत का समीकरण साध रही है। संसदीय क्षेत्र की जनता में रितेश की लोकप्रियता को भाजपा भुनाने की कोशिश करेगी।
रितेश का राजनीतिक सफर
रितेश पहले से ही राजनीतिक घराने से जुड़े हैं। पिता पूर्व सांसद व जलालपुर से सपा विधायक राकेश पांडेय के अलाला चाचा पवन पांडेय भी पूर्व विधायक है। वह दूसरी पीढ़ी में राजनीतिक विरासत संभालने में सफल हुए हैं। जनता के बीच अपनी लोकप्रियता और पिता की विरासत ने उन्हें पहले विधायक और फिर सांसद चुना गया।
जलालपुर को राजनीतिक कर्मस्थली बनाकर पहली वर्ष 2012 में बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे थे, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन मनोबल नहीं टूटने दिया। वर्ष 2017 के विधानसभा सभा चुनाव में दोबारा बसपा के टिकट पर मैदान में उतरे। इस बार जलालपुर की जनता ने इन्हें विधायक चु
जनता ने रितेश पर भरोसा जताते हुए दिया था बहुमत
इसी बीच भी वह सदन में लगातार जनता से जुड़ी समस्याएं उठाकर क्षेत्र के विकास को आगे बढ़ाया। इन्हीं कार्यों की बदौलत बसपा ने लोकसभा चुनाव 2019 में उनपर भरोसा जताया और प्रत्याशी घोषित कर दिया। जनता ने भी रितेश पर भरोसा जताते हुए अपना बहुमत दिया।
चुनाव में रितेश पांडेय को पांच लाख 64 हजार 118 मत मिले थे। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी मुकुट बिहारी को 95 हजार से अधिक मतों से हराया था। इस बार भाजपा लोकसभा सीट पर कब्जा जमाने के लिए पहले उन्हें पार्टी में शामिल कराया अब प्रत्याशी घोषित कर भरोसा जताया है।
संसदीय क्षेत्र को बनाएंगे माडल
सांसद रितेश पांडेय ने दैनिक जागरण से हुई बातचीत में बताया कि विपक्ष में रहते हुए भी मैंने संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों को गति दी है। केंद्रीय मंत्रियों से लगातर मिलकर सड़क, बिजली, औद्योगिक विकास, फुटब्रिज, मालीपुर-विध्यांचल फोरलेन आदि कार्य स्वीकृति कराए। अब सत्ता साथ मिला है तो विकास गति मिलेगी। राष्ट्र में अंबेडकरनगर माडल संसदीय क्षेत्र बनाने की कोशिश होगी।