मध्य प्रदेश के विजयपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस तैयारियों में जुटे

भोपाल। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में विजयपुर विधानसभा में होने वाला उपचुनाव बेहद रोचक होने की संभावना है। यहां से वर्ष 2023 में कांग्रेस की टिकट पर विधायक बने रामनिवास रावत के त्यागपत्र देने और भाजपा में शामिल के कारण उपचुनाव हो रहा है।

रावत को भाजपा ने मोहन कैबिनेट में मंत्री भी बनाया है। रावत ही उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी होंगे। यही वजह है कि कांग्रेस यहां आदिवासी प्रत्याशी देना चाहती है ताकि आदिवासी बहुल वोटों का उसे लाभ मिल सके।

सीताराम ने ही वर्ष 2018 में भाजपा की टिकट पर रामनिवास रावत को हराया था लेकिन भाजपा ने वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में सीताराम आदिवासी की टिकट काटकर बाबूलाल मेवरा को दे दी थी। कांग्रेस एक अन्य आदिवासी प्रत्याशी के नाम पर भी विचार कर रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में विजयपुर से निर्दलीय प्रत्याशी रहे मुकेश मलहोत्रा ने 44,128 वोट लिए थे। कांग्रेस का गणित आदिवासी वोटों को एकजुट रखकर भाजपा को मात देना है।

अलग ही है ग्वालियर- चंबल की राजनीति
ग्वालियर- चंबल की राजनीति हमेशा से ही दिलचस्प रही है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार बनी तो भी कांग्रेस के कारण बनी थी। वर्ष 2020 में कांग्रेस की कमल नाथ सरकार गिरी तो भी उसमें ग्वालियर- चंबल क्षेत्र का ही महत्वपूर्ण योगदान था।

इसी क्षेत्र के अधिकांश कांग्रेस विधायकों ने त्यागपत्र देकर मध्य प्रदेश की राजनीति में बड़ा परिवर्तन लाया था। प्रदेश में 28 उपचुनाव हुए तो भी यही क्षेत्र था, जिसने भाजपा की शिवराज सरकार को बहुमत में लाया। अब एकबार फिर यहा उपचुनाव होने जा रहा है।

विजयपुर से भाजपा के दो पूर्व विधायक बन रहे चुनौती
रामनिवास रावत से पहले कांग्रेस छोड़कर आए कमलेश शाह को भी अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने चुनाव लड़ाया था। हालांकि इस उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी रावत को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। यहां भाजपा के दो-दो पूर्व विधायक हैं।

दोनों ने ही चुनाव लड़ने की इच्छा से पार्टी को अवगत करा दिया है। सीताराम आदिवासी के बगावती सूरों से भाजपा वाकिफ भी है। वहीं बाबूलाल मेवरा भी रावत की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं। यदि यही हाल रहा तो उपचुनाव में भाजपा की मुश्किलें और भी बढ़ जाएंगी।

सीताराम आदिवासी भाजपा के नेता हैं
कांग्रेस के पास चुनाव लड़वाने लायक कोई दमदार प्रत्याशी नहीं है इसलिए भाजपा नेताओं के बारे में बात कर रही है। सीताराम आदिवासी भाजपा के निष्ठावान नेता हैं, वे भाजपा में हैं और भाजपा में ही रहेंगे। – रजनीश अग्रवाल, प्रदेश मंत्री भाजपा

लोकसभा चुनाव में भाजपा को विजयपुर से मिली बढ़त मिली
मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट में कुल आठ विधानसभा आती हैं, जिनमें से पांच विधानसभाओं श्योपुर, जौरा, मुरैना और अंबाह में कांग्रेस के विधायक हैं, पांचवी सीट विजयपुर (रिक्त) भी पिछले चुनाव में कांग्रेस ने ही जीती थी। ईधर, भाजपा के पास तीन विधानसभा सबलगढ़, सुमावली और दिमनी विधानसभा हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 में इसके उलट परिणाम आए हैं। आठ में से पांच विधानसभा श्योपुर, विजयपुर, अंबाह, दिमनी और सुमावली में भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली है। इन पांच विधानसभाओं में से जीत का सबसे बड़ा अंतर विजयपुर विधानसभा में 35612 वोट का रहा। इसी पर भाजपा की उम्मीद टिकी हुई है।

जयवर्धन सिंह हैं कांग्रेस के चुनाव प्रभारी
कांग्रेस विजयपुर उपचुनाव में भाजपा की घेराबंदी की तैयारी कर रही है। पार्टी ने इसके लिए पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह को प्रभारी बनाया है। जयवर्धन कहते हैं कि फिलहाल प्रत्याशी के मुद्दे पर निर्णय नहीं किया है। सिंतबर में प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में जनसभा करेंगे। हमारे साथी नीटू सिकरवार के साथ कार्यकर्ताओं की बैठक ले रहे हैं।

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