लखनऊ: समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा। राजधानी में सपा कार्यालय पर बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोग स्वागत और विदाई दोनों करना जानते हैं। अखिलेश ने कहा कि हिटलर बहुत बड़ा शासक था लेकिन उसे भी जाना पड़ा। इसी तरह से साल 2014 में आई भाजपा की सरकार अब 2024 में विदा हो जाएगी। अखिलेश यादव अपने PDA(पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) फॉर्मूले का जिक्र भी मीडिया के सामने करने से नहीं चूके।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने पीडीए परिवारों के साथ हमेशा धोखा किया। उन्होंने कहा कि भाजपा घबरा रही है। क्योंकि उन्होंने पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक के अधिकार छीन लिए हैं। कुलपतियों की नियुक्ति तो हुई लेकिन उनमें PDA कितने हैं। सपा प्रमुख ने कहा कि पीडीए परिवार बढ़ता जा रहा है, और ये चुनाव संविधान बचाने का है। इस चुनाव में लोकतंत्र, सम्मान, आरक्षण, आज़ादी सभी के लिए खुलकर सामने आने की जरूरत है। अखिलेश ने कहा कि समुंद्र मंथन के बाद अब संविधान मंथन का समय है। सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा हटाओ और नौकरी पाओ, ये ही हकीकत है। अखिलेश ने सीबीआई और ईडी का जिक्र करते हुए कहा कि ये एजेंसी चुनावों से पहले ही एक्टिव होती हैं। उन्होंने किसानों की आत्महत्या को लेकर भी सत्ताधारी दल को कटघरे में खड़ा किया
उन्होंने कहा कि भाजपा ने पीडीए परिवारों के साथ हमेशा धोखा किया। उन्होंने कहा कि भाजपा घबरा रही है। क्योंकि उन्होंने पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक के अधिकार छीन लिए हैं। कुलपतियों की नियुक्ति तो हुई लेकिन उनमें PDA कितने हैं। सपा प्रमुख ने कहा कि पीडीए परिवार बढ़ता जा रहा है, और ये चुनाव संविधान बचाने का है। इस चुनाव में लोकतंत्र, सम्मान, आरक्षण, आज़ादी सभी के लिए खुलकर सामने आने की जरूरत है। अखिलेश ने कहा कि समुंद्र मंथन के बाद अब संविधान मंथन का समय है। सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा हटाओ और नौकरी पाओ, ये ही हकीकत है। अखिलेश ने सीबीआई और ईडी का जिक्र करते हुए कहा कि ये एजेंसी चुनावों से पहले ही एक्टिव होती हैं। उन्होंने किसानों की आत्महत्या को लेकर भी सत्ताधारी दल को कटघरे में खड़ा किया
इन नेताओं ने थामा SP का दामन
शनिवार को बड़ी संख्या में दूसरे दलों के नेताओं ने समाजवादी पार्टी ज्वाइन की। डॉक्टर सीताराम राजपूत भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए। इसके अलावा शाकिर अली पूर्व मंत्री के बेटे परवेज आलम, आरएलडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे लतीफ भिडुरी, बसपा छोड़कर इलियास अंसारी, पूर्व विधायक सुभाष चंद्र श्रीवास्तव जनता दल, और सुबोध यादव समेत कई नेता समाजवादी पार्टी में शामिल हुए।