बाराबंकी। महर्षि शिक्षा संस्थान के संस्थापक महर्षि महेश योगी की जयंती ज्ञान युग दिवस के रूप में मनाई गई साथ ही स्वामी विवेकानंद की जयंती युवा दिवस के रूप में मनाई गई। महर्षि महेश योगी का जन्म छत्तीसगढ़ के ग्राम पांडुका में 12 जनवरी 1918 में हुआ था। शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से भौतिक विज्ञान तथा भारतीय ज्ञान वैदिक परंपरा का ज्ञान ज्योतिषमठ के शंकराचार्य अनंत विभूषित शंकराचार्य ब्रह्मानंद सरस्वती से प्राप्त किया। महर्षि महेश योगी ने भावातीत ध्यान की सरल वैज्ञानिक विधि से जीवन के हर क्षेत्र में विकास किया।
महर्षि ने विश्व यात्रा का प्रारंभ नीदरलैंड्स से प्रारंभ किया और लगभग 700 से अधिक वैज्ञानिक शोध के बाद ध्यान का महत्व वैज्ञानिक आधार पर सिद्ध किया। 2022 का नोबेल पुरस्कार इसी सिद्धांत पर दिया गया है और सिद्ध किया की भौतिक जगत के साथ-साथ चेतन जगत का भी एक संबंध है इसको केवल भारतीय ज्ञान के प्रणेता आदि गुरु शंकराचार्य ने स्थापित किया था और अपनी चारों पीठों के शंकराचार्य स्थापित कर उनको यह शिक्षा दी थी कि पूरे ब्रह्मांड में चेतन ही प्रमुख है। इसे अद्वैतवाद का सिद्धांत कहा जाता है अर्थात दोनों अलग-अलग नहीं है एक दूसरे से जुड़े हैं।
ब्रह्मलीन महर्षि महेश योगी की जयंती महर्षि विद्या मंदिर बाराबंकी में विधिवत प्रधानाचार्य प्रदीप कुमार श्रीवास्तव के निर्देशन में धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ गुरुदेव परंपरा पूजन से प्रारंभ हुआ कार्यक्रम के अंतर्गत मंगल पाठ ध्यान शिक्षिका रुपाली शर्मा व आशा अवस्थी के निर्देशन में संपन्न हुआ।जिसमें वैदिक संकल्प, नाड़ी शोधन,प्राणायाम , भावातीत ध्यान का अभ्यास व सिद्धि प्रयोग का अभ्यास करवाया गया।इस शुभ अवसर पर विद्यालय परिवार के अध्यापक अध्यापिकाएं राम रतन श्रीवास्तव, ऋषि राज,राम सेन मिश्रा,अलका श्रीवास्तव सहित छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।