बिन मैदान बिन कोच, एथलीट बन गई आरती ने जीते मेडल

-स्टेडियम के ट्रैक तक पहुंचा पगडंडियों से शुरू हुई दौड़ का सफर

उन्नाव। सफीपुर विकासखंड के छोटे गांव अतहा की आरती पर एथलीट बनने का ऐसा जुनून चढ़ा कि वह संसाधनों के अभाव और परिवार से किसी प्रकार की सहायता न मिलने के बाद भी पगडंडियों से दौड़ते-दौड़ते उन्नाव स्टेडियम के ट्रैक पर पहुंच गई। आरती मंडल से लेकर प्रदेशीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करके लगातार मेडल हासिल कर रही हैं। अब वह अन्य खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है।

अतहा निवासी किसान बालजीवन की बेटी आरती ने कक्षा दस तक दो किमी दूर गांव बम्हणा स्थित कालेज से फिर एनसीसी में प्रवेश के लिए 11वीं की पढ़ाई तकिया निगोही के स्कूल से की। वह बचपन से ही एथलीट बनना चाहती थीं। सपने को पूरा करने के लिए गांव के गलियारों में दौड़ना और अभ्यास शुरू किया। पांच सितंबर 2022 में पहली बार उन्नाव स्पोर्ट्स स्टेडियम में पहुंच एथलीट कोच से दौड़ने की इच्छा जताई। उन्होंने अभ्यास कराया। पहली बार 1600 मीटर दौड़ में प्रथम स्थान पाया। यहीं से उनके सपनों ने आकार लेना शुरू किया। आरती ने रायबरेली में आयोजित मंडलीय प्रतियोगिता में 400 मीटर में प्रथम व आठ सौ मीटर दौड़ में तृतीय स्थान पाकर लखनऊ स्थित केडी सिंह बाबू स्टेडियम में हुई राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में स्थान पाया।
फिर 2023 में स्कूल प्रतियोगिता के माध्यम से जनपद और इसके बाद मंडलीय प्रतियोगिता में लखनऊ स्टेडियम में 400 व 800 मीटर दौड़ में प्रथम स्थान हासिल किया। इसके बाद बनारस में हुई प्रतियोगिता में गोल्ड और एक सिल्वर मेडल हासिल किया। इसी वर्ष ओपन प्रतियोगिता में भी प्रदेश स्तर पर खेलने का गौरव हासिल किया। अब इस साल उसे स्टेट प्रतियोगिता खेलने इटावा जाना है। आरती ने बताया कि उसके क्षेत्र में न कोई मैदान है और ना ही कोच।

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