नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक और कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 पेश किया। लोकसभा में भारी हंगामे के बीच रिजीजू ने बिल पेश किया। वहीं, सरकार द्वारा बिल पेश किए जाने के बाद मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने कहा कि ये बिल अधिकारों पर चोट है।
साथ ही कांग्रेस ने कहा कि यह बिल संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। बता दें कि कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी और AIMIM ने भी विधेयक का विरोध किया है।
महाराष्ट्र, हरियाणा चुनावों को देखते हुए लाया गया बिल
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा, “हम हिंदू हैं, लेकिन साथ ही हम दूसरे धर्मों की आस्था का भी सम्मान करते हैं। यह बिल महाराष्ट्र, हरियाणा चुनावों को देखते हुए लाया गया है। आप यह नहीं समझते कि पिछली बार भारत की जनता ने आपको साफ तौर पर सबक सिखाया था। यह संघीय व्यवस्था पर हमला है।”
विधेयक संविधान के बुनियाद पर हमला- कांग्रेस
सांसद वेणुगोपाल आगे कहा कि यह विधेयक संविधान के बुनियाद पर हमला है। इस विधेयक के जरिए सरकार यह प्रावधान कर रही हैं कि गैर-मुस्लिम भी वक्फ गवर्निंग काउंसिल के सदस्य होंगे। यह धर्म की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। इसके बाद आप ईसाइयों, फिर जैनियों के पास जाएंगे। भारत के लोग अब इस तरह की विभाजनकारी राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
वक्फ विधेयक के विरोध में कांग्रेस
इससे पहले लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस सांसदों की बैठक बुलाई जिसमें कई विषयों के साथ ही वक्फ विधेयक को लेकर भी चर्चा की गई। कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल और हिबी ईडेन ने लोकसभा में विधेयक पेश किए जाने का विरोध करने के लिए नियम 72 के तहत एक नोटिस दिया था।