भू माफिया ने चक मार्ग पर बनाई दुकानें…लेखपाल ने उच्च अधिकारियों को किया गुमराह लगाई झूठी रिपोर्ट

गाटा संख्या 1316 दर्ज है चक मार्ग के नाम

तिलोई अमेठी। तहसील क्षेत्र में सरकारी जमीनों पर हो रहे अवैध कब्जे को लेकर राजस्व प्रशासन संजीदा नहीं है सरकारी जमीनों पर अवैध अतिक्रमण कर मनमानी ढंग से सरकारी सुरक्षित जमीनों पर लोग कब्जा कर आलीशान इमारत खड़ी कर रहे है और उच्च अधिकारियों से शिकायत करने पर क्षेत्रीय लेखपाल तथा राजस्व निरीक्षक मार्ग पर खड़ी की गई अवैध निर्माण प्रकरण में लीपा पोती करते हुए झूठी रिपोर्ट लगाकर मामले में पल्ला झाड़ते नजर आए बता दें कि पूरे फकीर मजरे सिंहपुर के ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी तिलोई को एक शिकायती पत्र देते हुए आरोप लगाया था कि पड़ोसी गांव निवासी एक सरहंग व्यक्ति द्वारा चक मार्ग के नाम से दर्ज भूमि पर अवैध तरीके से निर्माण कार्य करके व्यवसाय के लिए किराए पर दे दिया है।

पूरे फकीर मजरे सिंह पुर गांव निवासी विश्वनाथ यादव ने उपजिलाधिकारी तिलोई को शिकायती पत्र देते हुए बताया है की पूरे घीसल गांव निवासी राम कुमार पाल पुत्र तुलसी पाल द्वारा गाटा संख्या 1316 जो चक मार्ग के नाम से दर्ज है उस पर सरहंग भू माफिया द्वारा आलीशान इमारत बनाकर अवैध रूप से कब्जा दुकानों का निर्माण कराया है अपनी शिकायत में उसने ये भी बताया की उक्त भूमि सिंहपुर मेन हाइवे के मुख्य चौराहे पर स्थित है जिसके चलते जमीन बेहद वेश कीमती है। इस लिए चक मार्ग की सुरक्षित भूमि पर सरहंग द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर दुकानों का निर्माण कराया गया है चक मार्ग पर निर्माण के चलते सुरक्षित पड़ी भूमि पर आने जाने का रास्ता बंद हो गया है जिससे ग्रामीणों को आवागमन करने में काफी परेशान होना पड़ रहा है। सूत्रों की मानें तो क्षेत्रीय लेखपाल ने उपजिलाधिकारी तिलोई, जिलाधिकारी अमेठी निशा अनंत को उक्त मामले में झूठी रिपोर्ट आख्या सौंपी गई जिसमें जिले के आईएएस अधिकारी को भी गुमराह किया गया है सही तथ्यों को छिपाने का काम किया गया है। शिकायतकर्ता विश्वनाथ का आरोप है उक्त मामले में हल्का लेखपाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनसुनवाई पोर्टल पर यह आख्या लगाई गई है कि मौके पर कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया जबकि लेखपाल की झूठी आख्या की परतें मौके पर बनीं दुकानों की तस्वीर खोल रही है इस मामले में शिकायत कर्ता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, तथा राजस्व परिषद के प्रमुख सचिव से शिकायत पुनः की गई है देखना यह है कि आखिर लेखपाल की झूठी मनगढ़ंत कहानी पर कार्रवाई होगी या फिर मामले में लीपापोती होगी।

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