फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी के किन्नर अखाड़े की दीक्षा प्राप्त कर महामंडलेश्वर बनने पर संतों के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. किन्नर अखाड़े ने उन्हें दीक्षा दिलाने के बाद उनका पट्टाभिषेक किया है, जिसके बाद उनका नाम श्रीयामाई ममता नंद गिरि रखा गया है. इसको लेकर कुछ संतों में नाराजगी है. तो कई संत उनके समर्थक में भी हैं. वहीं, पवित्र आनंद गिरी महामंडलेश्वर ने ममता कुलकर्णी और किन्नर अखाड़े का समर्थन किया है.
किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर मां पवित्रानंद गिरी ने ममता कुलकर्णी के किन्नर अखाड़ा में शामिल होने पर कहा है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि किसी सेलिब्रिटी को अखाड़े में शामिल किया गया हो. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कई अखाड़ों ने विवादित चेहरों को शामिल किया है, तब किसी ने कोई सवाल क्यों नहीं उठाया? उन्होंने कहा है कि हमने सोच समझकर उनको अखाड़े में शामिल किया है. हम उनका स्वागत करते हैं और हर किसी का स्वागत करते हैं.
सनातनी होने के नाते सभी का स्वागत
महामंडलेश्वर मां पवित्रानंद गिरी ने बताया कि ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाने की पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया है. उन्होंने कहा है कि हर कोई सुर्खियों में बना रहना चाहता है. सनातनी होने के नाते हम सभी का स्वागत करते हैं. अखाड़ों के द्वारा मान्यता न मिलने पर उन्होंने कहा कि हमें हमेशा से समाज में स्वीकर नहीं किया है, इसलिए हमें फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि सवाल उठाने वाले अखाड़ों में कोई विवादित लोगों को महामंडलेश्वर बनाया तब कोई सवाल क्यों नहीं उठाया. उन्होंने साफ कहा है कि हम अपना फैसला वापस नहीं लेने वाले.
महाकुंभ में लिया सन्यास
ममता कुलकर्णी शुक्रवार को किन्नर अखाड़े से महामंडलेश्वर बनाई गईं. उन्होंने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में सन्यास लिया था. उन्हें किन्नर अखाड़े की अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण ने दीक्षा दी, जिसके बाद ममता को महामंडलेश्वर की पदवी मिली. अब उनका नया नाम श्रीयामाई ममता नंद गिरि हो गया है.