जगदलपुर। बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी के शहर अध्यक्ष सुशील मौर्य ने कहा कि, बस्तर दशहरा बस्तर क्षेत्र में मनाया जाने वाला एक ऐतिहासिक त्योहार है, जिसमें यहां की प्रदर्शनी को देखने ग्रामीण, शहरवासी व पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं और यहां की बस्तरिया संस्कृति की मनमोहकता को देखते व निहारते हैं।
वहीं बस्तर दशहरा लगभग खत्म होने की कगार पर है और जिला प्रशासन द्वारा अब प्रदर्शनी लगाई जा रही है जो कि बिल्कुल भी उचित व न्याय संगत नही है, कुल मिलाकर जिला प्रशासन की नाकामी व शहर के जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता का परिणाम है।
श्री मौर्य ने कहा तय समय के बाद प्रदर्शनी लगाकर जिला प्रशासन सिर्फ राज्य सरकार के पैसे की बर्बादी कर रही है और यहां के विधायक सांसद भी जिला प्रशासन के सामने मूकबधिर बन बैठे हैं जो कि इन सभी जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता का परिणाम है। जिला प्रशासन द्वारा बिना किसी याेजना के प्रदर्शनी लगाना बिल्कुल भी उचित व न्यायसंगत नही है। बस्तर दशहरा के दौरान ‘द बस्तर मड़ई’ नाम की एक प्रदर्शनी लगती है, इस प्रदर्शनी के ज़रिए, बस्तर की प्राकृतिक खूबसूरती, ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थलों, एडवेंचर स्थलों, और सांस्कृतिक स्थलों के बारे में पर्यटकों को जानकारी दी जाती है बस्तर दशहरा सहित प्रदर्शनी का भी यहां विशेष महत्व है। वहीं आगामी दिनों में महत्वपूर्ण रस्म मावली परघाव, भीतर रैनी व बाहर रैनी रस्म मनाया जाना है, जो कि दशहरा पर्व का महत्वपूर्ण रस्म है और इस रस्म के पश्चात बस्तर अंचल व अंदरूनी क्षेत्र से आए लगभग सभी लोग वापस लौट जाते हैं। किंतु जिला प्रशासन द्वारा ऐसी स्थिति में प्रदर्शनी लगाना समझ से परे है। बस्तरिया संस्कृति के सरक्षण की बात करने वाले जनप्रतिनिधियों ने भी आंख मूंद ली है,और तय समय व समाप्ति की ओर बढ़ रहे बस्तर दशहरा के बीच अब प्रदर्शनी लगने से शहर वासियों, पर्यटकों व दूरस्थ अंचलों से आए ग्रामीणजनों में काफी निराशा और आक्रोश है। बस्तर संभाग के दूरदराज से पधारे लोग अपने घर वापसी की ओर बढ़ रहे हैं,और इन सभी से वंचित होने के कारण इनका आक्रोश वाजिब है, बिना किसी बैठक के जिला प्रशासन प्रदर्शनी लगाकर सिर्फ मनमानी व पैसों की बर्बादी कर रही है।
श्री मौर्य ने कहा कि सांसद बस्तर व दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप को भी बस्तर दशहरे की जानकारी का अभाव है, जो बैठक दशहरा शुरुआत से पूर्व लिया जाना चाहिए उस बैठक काे संपन्न होने अग्रसर बस्तर दशहरा की दशहरा समिति के सदस्यों,मांझी, चालकी, मेम्बरीन की बैठक ली जा रही हैं। जो कि सांसद बस्तर की अनभिज्ञयता को दर्शाता है। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बने 9 महीनों से ज्यादा हो चुके हैं परंतु धरातल पर कोई भी विकास कार्य नही हुआ है। जनप्रतिनिधियों का विकास सिर्फ विज्ञापन तक ही सीमित रह गया है धरातल पर इनका जनहित में विकास से कोई सरोकार नहीं है।भाजपा की सरकार में बस्तर सहित प्रदेश में सिर्फ अपराध व भ्र्ष्टाचार का बोलबाला है। बस्तर दशहरा में आने वाले बजट का सिर्फ बण्ठाधार हो रहा है जिसकी बर्बादी जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। वही शहर के जनप्रतिनिधि मूकबधिर बनकर बैठे हुए हैं।