मेरठ। इस बार कैराना लोकसभा सीट भाजपा और सपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी हुई है तो बहुजन समाज पार्टी भी इस सीट पर 15 साल से अपनी जीत का इंतजार कर रही है।
कैराना लोकसभा सीट से सांसद प्रदीप चौधरी पर भाजपा ने फिर से दांव लगाया है। समाजवादी पार्टी ने मुनव्वर हसन की बेटी इकरा हसन को उम्मीदवार बनाया है तो बहुजन समाज पार्टी ने श्रीपाल राणा को चुनाव मैदान में उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। कैराना को सपा और भाजपा ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया हुआ है। भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार मेरठ और एक बार सहारनपुर में चुनावी जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत तमाम भाजपा के दिग्गज भी चुनावी प्रचार में जुटे हुए हैं। सपा उम्मीदवार इकरा हसन भी अपने चुनाव प्रचार को धार दे रही है। यह चुनाव बसपा के लिए भी चुनौती भरा है। 15 साल से बसपा इस सीट पर जीत का इंतजार कर रही है।
1962 में अस्तित्व में आई कैराना लोकसभा सीट पर सबसे पहले निर्दलीय उम्मीदवार यशपाल सिंह ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद भाजपा तीन, कांग्रेस व सपा दो-दो बार जीत चुके हैं। 2009 में तबस्सुम हसन ने जीत हासिल करके बसपा को अभी तक की एकमात्र जीत दिलाई थी। 2014 में भाजपा उम्मीदवार हुकुम सिंह और 2014 में भाजपा के प्रदीप चौधरी ने यहां से चुनाव जीता। अब प्रदीप चौधरी के सामने दूसरी बार जीत दर्ज करने की चुनौती है तो बसपा के श्रीपाल राणा भी पार्टी का सियासी सूखा खत्म करने को दम भर रहे हैं। जबकि सपा की इकरा हसन भी दमदार प्रचार में जुटी है।