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Bareilly News : मौलाना शहाबुद्दीन ने समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता माता प्रसाद द्वारा अंग्रेजी भाषा के विरोध को बेतुका करार दिया है। मौलाना ने कहा कि अंग्रेजी भाषा का विरोध करना वर्तमान समय में सही नहीं है, क्योंकि यह ग्लोबलाइजेशन और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। उनका मानना है कि अंग्रेजी के ज्ञान से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ते हैं, बल्कि देश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूती मिलती है। माता प्रसाद ने हाल ही में बयान दिया था कि उत्तर प्रदेश में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए अंग्रेजी भाषा को खत्म किया जाना चाहिए, जिसे लेकर विवाद शुरू हो गया था। इस पर मौलाना शहाबुद्दीन ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अंग्रेजी का विरोध करने से कोई लाभ नहीं होगा। हमें शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए अंग्रेजी के साथ-साथ अन्य विषयों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
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योगी सरकार से क्या मांग की? मौलाना शहाबुद्दीन ने योगी सरकार से यह मांग की है कि वह राज्य में शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाए, ताकि सभी वर्गों को समान अवसर मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार को अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी, उर्दू और अन्य भाषाओं में भी उच्च स्तरीय शिक्षा उपलब्ध करानी चाहिए, ताकि बच्चे अपनी मातृभाषा के साथ-साथ वैश्विक भाषा में भी दक्ष बन सकें। मौलाना ने यह भी कहा कि कर्मचारी चयन, सरकारी नौकरियों और रोजगार के अवसरों में समानता और पारदर्शिता की आवश्यकता है। उनके अनुसार, योगी सरकार को शिक्षा के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ाने चाहिए ताकि युवाओं का भविष्य सुरक्षित हो सके।
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में सपा नेता माता प्रसाद पांडेय ने अंग्रेजी भाषा का विरोध किया। यह उनका विरोध बेतुका है। मौलाना ने कहा कि किसी भी भाषा का विरोध नहीं करना चाहिए। भाषा कोई सी भी हो, उसको सीखना चाहिए। भाषा से बैर रखना ठीक नहीं है। माता प्रसाद अंग्रेजी भाषा की मुखालफत क्यों कर रहे हैं, इसलिए कि उनके बच्चे अंग्रेजी जाने और दूसरे लोगों के बच्चे अंग्रेजी से अनपढ़ रहें। अब इस तरह की राजनीति नहीं चल सकती है।
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मौलाना शहाबुद्दीन ने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की है कि विधानसभा के अलावा तमाम स्कूलों और कॉलेजों में अंग्रेजी, हिंदी, अवधी के साथ-साथ उर्दू को भी अनिवार्य किया जाए, ताकि बच्चे सभी भाषाओं का ज्ञान हासिल कर सकें। मौजूदा समय में अंग्रेजी और अरबी भाषा इंटरनेशनल भाषा के तौर पर जानी जाती है। पूरी दुनिया में लोग इन्हीं दोनों भाषाओं का बोलचाल और लिखने पढ़ने में इस्तेमाल करते हैं। बच्चों की तरक्की के लिए जरूरी है कि सभी भाषाओं का ज्ञान हो।