भारत की लगातार बढ़ती मदद की वजह से कंगाल नहीं होगा बांग्लादेश

अशोक भाटिया

चीन के कर्ज देकर गरीब देशों को फंसाने के मकड़जाल के बारे में अब दुनिया के देश समझने लगे हैं। भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश ने चीन के कर्ज के जाल में फंसाने की हरकतों के बारे में गरीब देशों को आगाह किया है। शेख हसीना सरकार में फाइनेंस मिनिस्टर मुस्‍तफा कमाल ने एक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि-‘चीन का बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) अच्छा तो है, लेकिन इसके बहाने चीन गरीब देशों को जो कर्ज दे रहा है वो इन छोटे और विकासशील देशों को तबाह कर सकता है।’ कमाल का बयान इसलिए खास है क्योंकि किसी देश का वित्तमंत्री स्तर का व्यक्ति खुद कर्ज जाल के बारे में इतने सीधे तरह से आगाह कर रहा है। 

दरअसल, बांग्लादेश भी चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट यानी BRI में शामिल है। बीआरआई के माध्यम से ही चीन हमारे पड़ोसी देशों को लालच देकर इन देशों में अपनी घुसपैठ करना चाहता है। चीन ने श्रीलंका के साथ भी ऐसा ही किया था, कर्ज देकर उसे कंगाल कर दिया। चीन की इसी चाल को बांग्लादेश समझ गया है। इसलिए वह श्रीलंका की राह नहीं चलना चाहता। यही कारण है कि कर्ज को लेकर बांग्लादेश के फाइनेंस मिनिस्टर ने सीधे तौर पर यह बयान दिया है।

BRI के तहत रेल, सड़क और समुद्री मार्ग से एशिया, यूरोप, अफ्रीका के 70 देशों को जोड़ने का प्लान है। भले ही चीन इसे अपने कारोबार से जुड़ा बताए, लेकिन बीआरआई के माध्यम से चीन हिंद महासागर और हमारे पड़ोसी देशों में बीआरआई के माध्यम से निगरानी पोस्ट बनाना चाहता है

इस समय बांग्लादेश भी अपनी अर्थव्यवस्था के एक स्तर को बनाए रखने के लिए जूझ रहा है। यहां भी पिछले दो महीनों के दौरान महंगाई बढ़ गई है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 52 फीसदी तक उछाल आ गया है। हालांकि इसके पीछे शेख हसीना सरकार यह जरूर कहती है कि रूस और यूक्रेन जंग के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ी हैं, इसलिए पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़े हैं। 

बांग्लदेश के लिए परेशानी की बात यह भी है कि बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेन रिजर्व या फॉरेक्स रिजर्व) भी गिर गया है। यह अब 40 अरब डॉलर से भी नीचे आ चुका है। खुद सरकार कहती है कि इस रिजर्व से सिर्फ पांच महीने ही इम्पोर्ट किया जा सकता है। 

एक्सपर्ट्स का कहना है कि बांग्लादेश में भले ही महंगाई बढ़ रही हो, विदेशी मुद्रा भंडार घट रहा हो, लेकिन यहां रेडीमेड गारमेंट एक्सपोर्ट्स बांग्लादेश को बचा लेगा। क्योंकि 90% कॉटन तो भारत ही बांग्लादेश को देता है। इसी बीच बांग्लादेश एशिया के उन देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने खाली होते फॉरेन रिजर्व से निपटने के लिए इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) का दरवाजा खटखटाया है। बांग्लादेश ने IMF से 4।5 अरब डॉलर का पैकेज मांगा है।

भारत भी अपने पडोसी देश को चीन के  मकड़जाल  से बचाने के लिए हर प्रकार की  कोशिश कर रहा है । हाल ही में भारत की यात्रा पर आईं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की है । इस दौरान दोनों पक्षों ने समुद्री सहयोग व समुद्री अर्थव्यवस्था, समुद्र विज्ञान में सहयोग, मत्स्य पालन में सहयोग, रेलवे कनेक्टिविटी, आपदा प्रबंधन में सहयोग सहित कई समझौतों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए है ।

वार्ता के बाद पीएम मोदी ने संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि हम इलाज के लिए भारत आने वाले बांग्लादेश के नागरिकों के लिए ई-मेडिकल वीजा सुविधा शुरू करेंगे। भारत देश के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के लोगों के लिए सेवाओं की सुविधा के लिए बांग्लादेश के रंगपुर में नया वाणिज्य दूतावास भी खोलेगा। पीएम मोदी ने जोर दिया कि यह यात्रा इसलिए खास है क्योंकि पीएम शेख हसीना एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारत की पहली राजकीय अतिथि हैं। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में हम 10 बार मिल चुके हैं, लेकिन आज की मुलाकात खास है क्योंकि प्रधानमंत्री हसीना हमारी तीसरी सरकार की पहली राजकीय अतिथि हैं। बांग्लादेश हमारी पड़ोसी पहले नीति, एक्ट ईस्ट नीति, विजन सागर और इंडो-पैसिफिक विजन के लिए महत्वपूर्ण है।


वहीं, संयुक्त वार्ता में पीएम शेख हसीना ने बांग्लादेश और भारत के बीच मजबूत और तेजी से बढ़ते संबंधों को रेखांकित किया। पीएम हसीना ने निमंत्रण के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया। हसीना ने भारत को प्रमुख पड़ोसी, भरोसेमंद दोस्त और महत्वपूर्ण क्षेत्रीय साझेदार के रूप में रेखांकित किया, और 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के दौरान उत्पन्न हुए स्थायी बंधन पर जोर दिया। पीएम हसीना ने द्विपक्षीय संबंधों के प्रति दूरदर्शी दृष्टिकोण का संकेत देते हुए कहा कि ढाका और नई दिल्ली ने नई यात्रा शुरू की है। हमने विजन 2041 और 2047 तक विकसित भारत का अनुसरण करके स्मार्ट बांग्लादेश के लिए भविष्य की कार्ययोजना तैयार की है।

वहीं, बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना की भारत यात्रा पर विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बांग्लादेश भारत के सागर सिद्धांत और हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण का अहम साझेदार है। समुद्री सहयोग और समुद्री अर्थव्यवस्था पर एमओयू का नवीनीकरण किया गया है, जिसका उद्देश्य हमारी महासागर आधारित अर्थव्यवस्था और समुद्री सहयोग को विकसित करना है। उन्होंने कहा कि समुद्र विज्ञान पर एमओयू इस क्षेत्र में अनुसंधान के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगा। आपदा प्रबंधन पर एमओयू के नवीनीकरण से पूरे क्षेत्र में प्रतिक्रिया और क्षमता निर्माण को मजबूत करने में मदद मिलेगी।


विदेश सचिव क्वात्रा ने कहा कि द्विपक्षीय वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एमओयू पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य भारत के प्रक्षेपण यान से बांग्लादेश के लिए संयुक्त रूप से विकसित एक छोटे उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए सहयोग प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के बीच रक्षा सहयोग पर भी चर्चा हुई और उन्होंने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को बढ़ाने और बांग्लादेश के सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण तथा दोनों देशों के बीच रक्षा-औद्योगिक सहयोग दोनों के लिए योजनाओं का समर्थन करने की आवश्यकता को रेखांकित किया गया।


इस समय भारत व बंगलादेश की  कनेक्टिविटी भारत-बांग्लादेश के बीच संबंधों के केंद्र में है। हम बांग्लादेश के राजशाही शहर और कोलकाता के बीच एक नई यात्री ट्रेन सेवा शुरू कर रहे हैं। इसके अलावा  एक और बस सेवा भी शुरू हो रही है  जो कोलकाता और चटगांव के बीच होगी। सिराज कांजी में अंतर्देशीय कंटेनर डिपो आईसीडी के विकास के लिए भी भारतीय सहायता की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि भारतीय ग्रिड के जरिये नेपाल से बांग्लादेश को 40 प्रतिशत बिजली निर्यात करने के निर्णय के साथ पहले उप-क्षेत्रीय बिजली व्यापार पर सहमति बनी है। भारत की वित्तीय सहायता के साथ बांग्लादेश के माध्यम से बिहार और असम के बीच 765 किलोवाट उच्च क्षमता वाले इंटरकनेक्शन के निर्माण में तेजी लाने के लिए भी समझौता हुआ है। भारत को आशा है कि भारत की लगातार  सहायता व समझोतों से बंगला देश चीन के कर्ज के  मकड़जाल से निकल पाएगा ।

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