भारत में ई-कॉमर्स के विकास के लिए संतुलित दृष्टिकोण की जरूरत : गोयल

नई दिल्‍ली। केंद्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ई-कॉमर्स का विकास नागरिक केंद्रित हो। उन्हाेंने कहा कि देश में 100 मिलियन छोटे खुदरा विक्रेताओं के लिए कोई व्यवधान न हो, ये सुनिश्चित करने की आवश्‍यकता है।

वाणिज्‍य मंत्री गाेयल ने राजधानी नई दिल्ली में पहले इंडिया फाउंडेशन की ‘भारत में रोजगार और उपभोक्ता कल्याण पर ई-कॉमर्स का शुद्ध प्रभाव’ पर एक रिपोर्ट को लॉन्‍च करते हुए यह बात कही। रिपोर्ट विमोचन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेते हुए उन्‍होंने कहा कि ई-कॉमर्स के विकास से समाज के बड़े वर्ग के बीच लाभों के वितरण का लोकतंत्रीकरण होना चाहिए। उन्होंने व्यापार समुदाय और विशेषज्ञों से आग्रह किया कि वे देश की जरूरतों के संदर्भ में ई-कॉमर्स के प्रभाव का विस्तृत और वैज्ञानिक तरीके से सावधानीपूर्वक अध्ययन और मूल्यांकन करें।

गोयल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में ई-कॉमर्स के विकास के लिए संतुलित दृष्टिकोण की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि भारत की विकासशील अर्थव्यवस्था की रक्षा करने और उन लोगों का समर्थन करने के महत्व को रेखांकित किया, जिन्हें अभी भी सकारात्मक कार्रवाई की आवश्यकता है। वाणिज्‍य मंत्री ने कहा कि एक संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जो छोटे खुदरा विक्रेताओं और ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों दोनों के लिए ही निष्पक्ष और न्यायसंगत विकास सुनिश्चित करता है। वाणिज्‍य मंत्री ने स्थानीय व्यवसायों और रोजगार, विशेष रूप से फार्मेसियों और मोबाइल फोन मरम्मत की दुकानों जैसे क्षेत्रों पर ई-कॉमर्स के प्रभाव के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की।

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