Azamgarh News:यूपी सरकार का सख्त निर्देश,अब ट्राली का होगा पंजीकरण!

Azamgarh News : उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से एक खबर सामने आ रही हैं…बता दें,कि अब ट्रॉली का निर्माण करने वाले सभी निर्माताओं को परिवहन विभाग में पंजीकरण कराना होगा। यह कदम ट्रॉली की सुरक्षा और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। नए नियमों के तहत, ट्रॉली निर्माण करने वाली कंपनियों और उद्योगों को अपने उत्पादों के पंजीकरण के लिए संबंधित विभाग में आवेदन करना अनिवार्य होगा।परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह कदम ट्रॉली के मानकों को सुनिश्चित करने और सड़क सुरक्षा को बढ़ाने के लिए लिया गया है। इससे निर्माण प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और ट्रॉली के प्रयोग में किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सकेगा।निर्माताओं को अब पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज और तकनीकी मानकों का पालन करना होगा। पंजीकरण प्रक्रिया के बाद, ट्रॉली की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाएगा और उसके बाद उसे सड़क पर चलाने के लिए प्रमाणित किया जाएगा।यह पहल सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और ट्रॉली से संबंधित सुरक्षा नियमों को लागू करने में सहायक होगी।

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आजमगढ़ में अब ट्रॉली या ट्रेलर का पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है। परिवहन विभाग ने इस संबंध में नई गाइडलाइन जारी की है, जिसके तहत ट्रॉली और ट्रेलर निर्माताओं को पंजीकरण प्रक्रिया से गुजरना होगा। साथ ही, अब ट्रॉली पर भी सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगानी होगी, जो सुरक्षा और पहचान के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगी। परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह कदम सड़क सुरक्षा को बढ़ाने और ट्रॉली व ट्रेलरों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। नई गाइडलाइन के तहत ट्रॉली का पंजीकरण करवाने के लिए संबंधित निर्माताओं को कुछ तकनीकी मानकों का पालन करना होगा। सिक्योरिटी नंबर प्लेट के जरिए ट्रॉली या ट्रेलर की पहचान आसानी से की जा सकेगी, जिससे किसी भी अनहोनी स्थिति में वाहन का पता लगाना सरल होगा। विभाग ने कहा कि इस पंजीकरण प्रक्रिया से ट्रॉली के संचालन में सुधार होगा और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। सड़कों पर हादसों को रोकने के लिए शासन ने ट्राॅली को लेकर गाइडलाइन जारी की है। अब ट्रॉली बनवाते समय मनमानी नहीं चलेगी। परिवहन विभाग ने ट्राॅली या ट्रेलर का पंजीयन कराना अनिवार्य कर दिया है। ट्रॉली पर भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगानी होगी। ट्राॅली का निर्माण करने वाले निर्माताओं को भी परिवहन विभाग में पंजीयन करना होगा।

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ट्रॉली पर भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगानी होगी। ट्राॅली का निर्माण करने वाले निर्माताओं को भी परिवहन विभाग में पंजीयन करना होगा। निर्माण के लिए दिए गए मानकों का पालन नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी, जिससे हादसे के बाद आसानी से ट्राॅली या ट्रेलर मालिक का पता चल जाएगा। परिवहन विभाग अब नई तैयारी में जुटा है। नए वित्तीय सत्र से ट्राॅली और ट्रेलर का भी पंजीकरण आरटीओ में होगा। उस पर चेचिस और रजिस्ट्रेशन नंबर पड़ेगा। एआरटीओ कार्यालय में नौ हजार 636 ट्रैक्टर कृषि कार्य में पंजीकृत हैं। काॅमर्शियल कैटेगरी में पंजीकरण नहीं है, जबकि अधिकतर ट्रैक्टर-ट्राॅली भट्ठों से ईंट पहुंचाने और भवन निर्माण सामग्री विक्रेता के दुकानदारों के भरोसे चल रही हैं।

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मानक विहीन ट्रैक्टर-ट्राॅली और ट्रेलर से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए शासन के निर्देश पर विभाग अब इन पर सख्ती बढ़ाने जा रहा है। साथ ही ट्रैक्टर और ट्रेलर निर्माण करने वाले वर्कशॉप को भी मानकों के मुताबिक ट्राॅली व ट्रेलर निर्माण करना होगा, जिससे आकार दुर्घटना का कारण न बनने पाए। ट्राॅली और ट्रेलर का भी पंजीकरण एआरटीओ में होगा। उस पर चेचिस और रजिस्ट्रेशन नंबर पड़ेगा। ट्राॅली का निर्माण करने वाले निर्माताओं भी परिवहन विभाग में पंजीयन करना होगा। ट्राॅली तैयार करने का मानक तैयार किया गया है। परिवहन विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। जिले में इसपर अमल शुरू कर दिया गया है। – अतुल कुमार यादव, एआरटीओ प्रवर्तन।

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