अतीक व अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या की जांच की मांग पर 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या की जांच की मांग पर सुनवाई टाल दी है। जस्टिस एस रविंद्र भट्ट की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की सुनवाई 6 अक्टूबर को किए जाने का आदेश दिया।

11 अगस्त को कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से 2017 से अब तक यूपी में हुए एनकाउंटर के मामले में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। अतीक और अशरफ की बहन आयशा नूरी ने हत्या की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में आयोग का गठन करने की मांग की है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका पहले से दायर की जा चुकी है। वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में कमेटी बना कर जांच की मांग की है।

विशाल तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 28 अप्रैल को यूपी सरकार को हलफनामा दाखिल करने को कहा था। कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा था किस हालात में हत्या हुई और हत्या के बाद क्या कदम उठाए गए। कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा था कि अतीक और अशरफ को मेडिकल के लिए पैदल परेड करते हुए क्यों हॉस्पिटल ले जाया गया। यूपी सरकार को ये भी बताना है कि विकास दुबे एनकाउंटर की जांच के लिए गठित जस्टिस बीएस चौहान आयोग की रिपोर्ट के आधार पर क्या कदम उठाए गए। कोर्ट ने अतीक के बेटे असद के एनकाउंटर के बारे में भी यूपी सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।

उल्लेखनीय है कि 15 अप्रैल की रात अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस मेडिकल जांच कराकर लौट रही थी। इसी बीच तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। अतीक अहमद ने मार्च में अपनी हत्या की आशंका जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। अतीक अहमद ने आशंका जताई थी कि गुजरात से यूपी ले जाते समय उसकी हत्या की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से ये कहते हुए इनकार कर दिया था कि वो अब गुजरात से यूपी लाया जा चुका था। अतीक अहमद उमेश पाल हत्या मामले में आरोपित था।

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