अटल के सपने तब तक अधूरे हैं जबतक बिहार में भाजपा की सरकार नहीं बन जाती- उपमुख्यमंत्री

बिहार चुनावी मुहाने पर खड़ा है. अगले साल बिहार में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. जदयू ने बजाप्ता ये घोषित कर दिया है कि 2025 फिर से नीतीश. लेकिन केजरीवाल के पत्र, अमित शाह के एक बयान और नीतीश की यात्रा के बाद बिहार में जदयू भाजपा में खटास के कयास लगाए जाने लगे. सियासी गलियारे में एक धड़े द्वारा इस फिलहाल बेजान से कयास को हवा दिया जाने लगा.

सूरजकुंड की भाजपा कोर कमिटी की बैठक के बाद भाजपा नेताओं ने कहा कि बिहार में विधानसभा का चुनाव नीतीश के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. इस बीच आज भाजपा प्रदेश कार्यालय के अटल सभागार में आयोजित अटल जयंती समारोह में बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि अटल के सपने तब तक अधूरे हैं जबतक बिहार में भाजपा की सरकार नहीं बन जाती.

बाद में विजय सिन्हा के बदले सुर
हांलाकि, जब उनके बयान के सियासी मायने निकाले जाने लगे तब विजय सिन्हा ने खुद सफाई दी. विजय सिन्हा ने सफाई देते हुए कहा कि नीतीश कुमार अटल के सबसे चहेते नेता हैं. बिहार में अटल के सपनों के अनुरूप एनडीए की सरकार है और आगे भी नीतीश के नेतृत्व में एनडीए की ही सरकार बनेगी. विपक्षभ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है.

नीतीश जी अटल जी के सबसे बड़े चहीते- विजय सिन्हा
डिप्टी सीएम ने कहा, अटल जी के सबसे बड़े चहीते बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को यहां सुशासन स्थापित करने और जंगलराज (2005-10) से मुक्ति दिलाने के लिए भेजा गया है. बीच-बीच में लोग जंगलराज के लोग बिहार में अराजकता फैलाने का खेल खेलते रहे लेकिन एनडीए सरकार मिल करके नीतीश जी नेतृत्व में उस जंगलराज से मुख्त कराया है. बिहार में अब जंगलराज वाले को अवसर नहीं मिलेगा. यहां के अलट जी की सोच के अनुरूप एनडीए की सरकार बनेगी और नीतीश जी के नेतृत्व में आगे भी रहेगी.

अटल जयंती पर विजय सिन्हा ने क्या कहा था?
अटल जयंती के मौके पर विजय सिन्हा ने कहा था कि अटल के सपने तब तक अधूरे हैं जब तक बिहार में भाजपा की सरकार नहीं बन जाती. जिस दिन बिहार में बीजेपी की सरकार बनेगी वही अटल बिहारी वाजपेयी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. डिप्टी सीएम का ये बयान उस वक्त आया है जब ये बहस छिड़ी हुई है कि बिहार में 2025 के चुनाव का चेहरा कौन होगा?

बिहार में भाजपा की ये दुखती हुई रग
दरअसल, भाजपा की ये दुखती हुई रग है कि भाजपा बिहार में अपने बूते सरकार नहीं बना पाई है. 2015 में जब भाजपा अकेले चुनाव लड़ी तब 53 सीटों पर सिमट गए. फिर 2017 में नीतीश ने राजद को आउट कर भाजपा को इन कर लिया. 2020 में भी भाजपा जदयू मिलकर लड़े सरकार बनी लेकिन दो साल बाद ही नीतीश ने भाजपा को आउट कर दिया और फिर अभी राजद को आउट कर फिर से भाजपा को इन कर लिया. ऐसे में भाजपा की ये दुखती हुई रग है कि भाजपा बिहार में अकेले अपने दम पर सरकार बनाए.

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