अलीगढ़। अभी तक चुनावी खर्च में भाजपा प्रत्याशी सतीश गौतम सबसे आगे हैं। नामांकन से अब तक यह 26 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं। सपा-कांग्रेस के गठबंधन प्रत्याशी बिजेंद्र सिंह ने 8.41 लाख रुपये खर्च किए हैं।
बसपा प्रत्याशी हितेंद्र कुमार उर्फ बंटी उपाध्याय ने 3.35 लाख रुपये की राशि चुनाव में खर्च की है। शनिवार को व्यय प्रेक्षक शैलेंद्र कुमार देशमुख की मौजूदगी में प्रशासन के सामने सभी प्रत्याशियों ने चुनावी खर्च का पहला ब्योरा प्रस्तुत किया। सभी के व्यय रजिस्टर का मिलान किया। इनमें तीन प्रत्याशियों के रजिस्टर में खामियां मिलने पर नोटिस जारी करने के आदेश दिए गए हैं।
अगर देश के सबसे बड़े सदन तक का रास्ता तय करना है तो लाखों रुपये ‘लुटाने’ होंगे। बिना इसके दिल्ली दूर है। भारत निर्वाचन आयोग भी यह सब समझता है, तभी तो चुनाव में धन खर्च करने की सीमा तय कर रखी है। इस बार चुनावों में अलीगढ़ संसदीय सीट पर 14 प्रत्याशी हैं।
एक प्रत्याशी अधिकतम 95 लाख रुपये खर्च कर सकता है। नामांकन के बाद से ही प्रत्याशियों के खर्च का मीटर चलना शुरू हो गया है। जिला प्रशासन ने व्यय रजिस्टर प्रस्तुत करने के लिए तीन तिथियां निर्धारित की हैं।
शनिवार को पहली तिथि थी। इसमें सभी प्रत्याशी व उनके प्रतिनिधि चुनावी खर्च का ब्योरा प्रस्तुत किया। निर्दलीय महेश 39,122, स्वतंत्र जनता राज पार्टी के सतीश कुमार 35,727, निर्दलीय सतीश कुमार 1,08270, निर्दलीय महेश चंद्र शर्मा 39,122, मौलिक अधिकार पार्टी के सुरेंद्र ने 43,050 रुपये खर्च कर चुके हैं खामियों के चलते समान अधिकार पार्टी के मनोज कुमार लोधी, लोकतांत्रिक जनशक्ति पार्टी के मनोज कुमार शर्मा, राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राजकुमार का मिलान नहीं हो सका।
निर्दलीय दिलीप कुमार अनुपस्थित रहे। निर्दलीय महेश चंद्र शर्मा ब्योरा प्रस्तुत करने के लिए उपस्थित तो हुए, मगर पूरे दस्तावेज लेकर नहीं पहुंचे। निर्दलीय पंडित केशवदेव ने भी ब्योरा प्रस्तुत किया।