आशीष गोयल और भानु चंद्र गोस्वामी, योगी के दो ‘भरोसेमंद’ IAS: अर्धकुंभ में हिट थी ये जोड़ी, फिर से दी गई कमान

महाकुंभ भगदड़ हादसे के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया है. इसके अलावा महाकुंभ के संचालन के लिए प्रदेश के दो तेजतर्रार और अनुभवी IAS अधिकारियों को तैनात किया गया है. वहीं, कुंभ के लिए तीन पीसीएस अफसरों को भी प्रयागराज रवाना किया गया है.

पूर्व में प्रयागराज के मंडलायुक्त रहे आशीष गोयल और एडीए के वीसी रहे भानु गोस्वामी को तत्काल प्रभाव से महाकुंभ में तैनात किया गया है. दोनों अधिकारियों ने 2019 के अर्धकुंभ में भी मिलकर मेला संचालन की जिम्मेदारी निभाई थी. इसके अलावा, अन्य अधिकारियों के चयन की प्रक्रिया भी जारी है.

कौन हैं IAS आशीष गोयल?

आईएएस अधिकारी आशीष गोयल, जो 12 फरवरी 1973 को बिजनौर, उत्तर प्रदेश में जन्मे हैं. भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1995 बैच के अधिकारी हैं. उन्होंने अपनी शैक्षिक योग्यता में बी.टेक. (इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग), एमए (अर्थशास्त्र) और पीएचडी प्राप्त की है. 1995 में IAS में नियुक्त होने के बाद, उन्होंने यूपीपीसीएल, जल विद्युत निगम यूपी और यूपी राज्य विद्युत उत्पादन एवं पारेषण निगम जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया. वर्तमान में वे प्रशासनिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए राज्य के विकास कार्यों में सक्रिय योगदान दे रहे हैं.

कौन हैं IAS भानु चंद्र गोस्वामी?

भानु चंद्र गोस्वामी 2010 बैच के यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने 2009 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर आल इंडिया 33वीं रैंक हासिल की थी. रांची के निवासी भानु ने संस्कृत (ऑनर्स) में ग्रेजुएशन किया है. आईएएस ट्रेनिंग के बाद उनकी पहली तैनाती आगरा में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के रूप में हुई थी. वे वाराणसी, श्रावस्ती, लखनऊ, प्रयागराज, जौनपुर में डीएम रह चुके हैं.

कौन हैं तीन PCS अधिकारी?

जिन तीन तेज तर्रार पीसीएस अफसरों को भी प्रयागराज रवाना किया गया है, उनमें प्रफुल्ल त्रिपाठी (हरदोई), प्रतिपाल सिंह चौहान (बस्ती) और आशुतोष दुबे (कानपुर) शामिल हैं. 15 फरवरी तक के लिए इनकी कुंभ में तैनाती की गई है. प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी हरदोई में अपर जिलाधिकारी न्यायिक हैं. इसके पूर्व वह रायबरेली में एडीएम प्रशासन के रूप कार्यरत थे. पीसीएस 2015 बैच के अधिकारी प्रफुल्ल त्रिपाठी ने विभिन्न जनपदों में उपजिलाधिकारी के रूप में कार्य किया है. उनकी गिनती काफी तेज अधिकारियों में होती रही है.

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