नई दिल्ली। दिल्ली के रोहिणी इलाके में चलाए जा रहे आशा किरण शेल्टर होम में जुलाई महीने में सबसे ज्यादा मौतें (14) दर्ज की गई हैं। शेल्टर होम में हुई मौतों पर विवाद छिड़ गया है। आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी 2024 से कुल 25 मौतें दर्ज की गईं, जिनमें से 14 मौतें (6 पुरुष, 8 महिला) केवल जुलाई महीने में आश्रय गृह में हुईं।
आशा किरण शेल्टर होम की ओर से दिल्ली सरकार को दी गई रिपोर्ट में मौतों के पीछे लूज मोशन और बेहोशी को कारण बताया गया है। वहीं अन्य कारणों में हल्का बुखार, दस्त और उल्टी को बताया गया है।
आतिशी ने दिए जांच के आदेश
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली की मंत्री और आप नेता आतिशी ने कहा, “दिल्ली में आशा किरण शेल्टर होम चलाया जा रहा है। जो लोग यहां रहते हैं, वे पुलिस द्वारा बचाए गए लावारिस लोग हैं। एक रिपोर्ट आ रही है कि जुलाई में यहां 14 मौतें हुई हैं। 14 में से एक बच्चा है। यह गंभीर मामला है और इसकी मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। 24 घंटे के भीतर प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी जाएगी। अगर रिपोर्ट में किसी भी अधिकारी की लापरवाही दिखी तो सख्त कार्रवाई होगी।”
उन्होंने कहा, “मैं दिल्ली के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि अगर यहां किसी भी लापरवाही के कारण कोई मौत हुई है, तो संबंधित व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। हम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं और 24 घंटे के बाद मजिस्ट्रेट जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आएगी। हम उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे।”
एलजी सक्सेना ने भी जांच के दिए निर्देश
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने भी आशा किरण होम में हुई मौतों सहित जीएनसीटीडी द्वारा चलाए जा रहे सभी शेल्टर होम की स्थिति पर एक व्यापक जांच करने को कहा और जिम्मेदारी तय करते हुए एक हफ्ते के भीतर एक रिपोर्ट देने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने सुविधा के व्यवस्थापक के खिलाफ तुरंत कार्रवाई शुरू करने को कहा। एलजी ने यह भी कहा है कि जिन व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, उनके माता-पिता/अभिभावकों से संपर्क किया जाए और उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए।
महिला आयोग ने की टिप्पणी
वहीं, कई मौतों की सूचना मिलने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की प्रमुख रेखा शर्मा आशा किरण पहुंचीं। उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार द्वारा चलाए जा रहे आश्रय स्थल निर्दोष लोगों के लिए मौत का जाल बन गए हैं। आशा किरण में 450 लोग बिना उचित भोजन, पानी और दवा के रह रहे हैं, जबकि यहां पर 250 लोगों के रहने की क्षमता है। आतिशी (दिल्ली मंत्री) को इसके लिए जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए। शेल्टर होम में लोगों को दूषित पानी उपलब्ध कराया जा रहा है।”