आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली में धोबी समाज के विकास के लिए कई गारंटियां दीं. उन्होंने कहा, मैं पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और सीएम उम्मीदवार के तौर पर धोबी समाज की लंबित मांगों को स्वीकार करता हूं. ऐलान करता हूं कि दिल्ली में हमारी सरकार बनने पर हम धोबी समुदाय कल्याण बोर्ड का गठन करेंगे. धोबी समाज लोग बोर्ड में अपनी समस्याएं और सुझाव दे सकेंगे. इसके अलावा हमारी सरकार धोबी समाज के प्रेस थड़े (प्रेस करने वाली जगह) को नियमित और लाइसेंस प्रक्रिया को दोबारा शुरू करेगी. इनसे बिजली और पानी का चार्ज कमर्शिलय नहीं, बल्कि घरेलू लिया जाएगा. इनके बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा और स्कॉलरशिप का इंतजाम किया जाएगा और युवाओं को स्किल की ट्रेनिंग दी जाएगी.
अरविंद केजरीवाल ने पार्टी मुख्यालय में धोबी समाज के लिए बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि धोबी समाज की कई सालों से कई मांगें रही हैं. मैं आज धोबी समाज की मांगों को कबूल करते हुए ऐलान करता हूं कि हमारी सरकार बनने पर दिल्ली सरकार धोबी समुदाय कल्याण बोर्ड का गठन करेगी.
धोबी समाज के लिए कोई ऐसा प्लेटफॉर्म नहीं
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि धोबी समाज की समय-समय पर कई समस्याएं निकलती रहती हैं. जब कोई समस्या निकलती है तो वह ढूंढते हैं कि किस नेता को उसके बारे में बताया जा सकता है. वह कभी किसी नेता को पकड़ते हैं तो कभी किसी को पकड़ते हैं. वह कभी इधर गुहार लगाते हैं तो कभी उधर गुहार लगाते हैं. धोबी समाज के लिए कोई एक ऐसा प्लेटफॉर्म नहीं है जहां पर उनकी समस्याओं की सुनवाई हो सके.
उन्होंने कहा, अगर धोबी समुदाय कल्याण बोर्ड का गठन कर दिया जाता है तो यह एक ऐसा बोर्ड बन जाएगा, जहां पूरी दिल्ली के धोबी समाज के लोग जाकर अपनी समस्याएं और सुझाव बता सकते हैं. साथ ही पूरी दिल्ली में धोबी समाज और इस पेशे का किस तरह से बेहतरी की जा सकती है, इसके ऊपर पॉलिसी भी बनाई जा सकती हैं.
धोबी गरीब होते हैं, उन्हें बहुत कम पैसे मिलते हैं
अरविंद केजरीवाल ने कहा, मैं ऐलान करता हूं कि दिल्ली में अलग-अलग कॉलोनियों में जो प्रेस थड़े हैं, उनको नियमित किया जाएगा. अभी कई जगहों पर थड़े नियमित नहीं हैं जिसकी वजह से प्रशासन और पुलिस की तरफ से उन लोगों को तरह-तरह की प्रताड़ना दी जाती है. अभी धोबी समाज के लिए जो लाइसेंस की प्रक्रिया रुकी हुई है, उस प्रक्रिया को दोबारा शुरू किया जाएगा.
केजरीवाल ने कहा कि धोबी गरीब होते हैं. वह लोगों के घर से कपड़े लेकर जाते हैं. उन्हें धोते हैं और प्रेस करके वापस करते हैं. इस पेशे में उन्हें बहुत कम पैसे मिलते हैं, जिसमें उन्हें घर का खर्चा भी चलाना है, बच्चों की फीस भी देनी है और अगर कोई बीमार हो जाए तो उसका इलाज भी कराना है.
बुजुर्ग धोबियों के कल्याण के लिए योजना बनाई जाएगी
उन्होंने कहा, इसलिए इतने कम पैसों में उनके घर का खर्चा नहीं चल पाता है और सभी को यह जानकर ताज्जुब होगा कि धोबी समाज के लोगों से पानी और बिजली के कमर्शियल रेट लिए जाते हैं. यानि दिल्ली में बड़े-बड़े मॉल और दुकानों से जिस रेट में बिजली और पानी के रेट लिए जाते हैं. उसी रेट पर गरीब धोबी से भी रेट लिए जाते हैं. इसलिए मैं आज ऐलान करता हूं कि दिल्ली के अंदर सभी धोबी समाज और उनके पेशे के लिए बिजली और पानी के रेट घरेलू किए जाएंगे. उनके ऊपर कमर्शियल रेट नहीं लगाए जाएंगे.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बुजुर्ग धोबियों के कल्याण के लिए योजना बनाई जाएगी. धोबी समुदाय कल्याण बोर्ड को इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी कि धोबी समाज से रिटायर होने वाले और बुजुर्गों के लिए योजना बनाई जाए. धोबी समाज के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए उचित स्कॉलरशिप का इंतजाम किया जाएगा.
धोबी समाज के युवाओं को धोबी के पेशे या अन्य पेशे की स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि बच्चे अपने पेशे और जीवन का स्तर बढ़ा सकें. धोबी समाज को समय-समय पर दिल्ली सरकार की सभी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी, ताकि सभी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंच सके.