नौनिनिहालों की मौत बनकर दौड़ रहे स्कूली वाहनों पर डीएम ने दिखाई सख्ती
अभी तो शुरूआत है महूमूदाबाद में जर्जर डेड मारूती वैनो पर भूसे की तरह भरे जाते नौनिहाल
सीतापुर। प्रदेश में लगातार जर्जर स्कूली वाहन दुर्घटना का शिकार हो रहे है। प्रदेश की सड़के नौनिहालों के रक्त से रक्त रंजित हो रही है। स्कूली वाहनों द्वारा लगातार हो रहे वाहनों को लेकर अभी पूर्व में सीएम योगी द्वारा सख्त आदेश जारी किये गये है और हर स्कूली वाहनों में कैमरे लगे होना अनिवार्य बना दिया गया इसके अलावा सुरक्षा की दृष्टि अग्नि शमन यंत्र से लेकर रेडियम व कलर तक निर्धारित कर दिये गये है ताकि दूर से ही पता चल सके कि अमुक वाहन स्कूली वाहन है। इसके बाद भी एआरटीओ सीतापुर माला बाजपेई द्वारा इस ओर कोई ध्यान ही नही दिया जा रहा है जिसका आये दिन भीषण व हृदय विदारक परिणाम भी सामने आ रहे है।
सीएम के आदेशों पर एआरटीओ प्रशासक माला बाजपेई द्वारा जब ध्यान नही दिया गया तो इस महत्वपूर्ण मुददे को को स्वयं जिलाधिकारी अभिषेक आानन्द ने संज्ञान में लिया और कार्यवाही की रूपा रेखा तैयार करते हुए कार्यवाही की। सूचना विभाग की सरकारी प्रेस नोट से जो आंकड़े सामने आये है उनके अनुसार जिले में 11 ऐसे स्कूली वाहन नौनिहालों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे है जिन वाहन की आयु समाप्त हो चुकी है और वह सरकारी दस्तोवेजों में डेड वाहन के रूप में गिने जा रहे है। एआरटीओ माला बाजपेई द्वारा इतने बड़ी लापरवाही की जा सकती है कि वह देश के भविष्य का जीवन संकट में डाल रही है इस पर भी जिम्मेदार अब तक चुप बैठे है और जिलाधिकारी अभिषेक आनन्द को आये हुए अभी चन्द माह ही हुए है और उन्होने स्कूली वाहनों द्वारा किये जा रहे इतने बड़े खेल का पर्दाफास क दिया है। मालाबाजपेई ने भले ही लापरवाही बरती हो लेकिन डीएम अभिषेक आनन्द ने अपनी सख्त व तेज तर्रार कार्यशैली का परिचय दिया है जिसे हर अभिभावक सराह रहा है और डीएम की प्रंशसा कर रहा है।
जवाब दे एआरटीओ प्रशासक वह सीयूजी नम्बर क्यो रखती है स्वीच आफ
सीतापुर। अपने कर्तव्यों को पूरा करने में पूरी तरह से फेल हो चुकी माला बाजपेई अब सीयूजी नम्बर को ही स्वीच आफ रखने लगी है। ज्यादातर उनका सरकारी नम्बर सभी निर्देशों को ताख पर रखकर बंद रहता है अगर कभी कभार घण्टी चली भी गई तो उठता नही है। सीयूजी नम्बर अधिकारी नही उठा पाया तो अधिकारी काल बैंक करने के निर्देश दिये गये है लेकिन एआरटीओ माला बाजपेई द्वारा ऐसा कुछ भी नही किया जाता है। वह हमेशा अपनी मनमानी किया करती है।