कुशीनगर। रायबरेली में पकड़े गए लगभग 20 हजार फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र कांड के तार कुशीनगर से जुड़ गए हैं। अब तक गिरफ्तार जालसाजों से मिले इनपुट के आधार पर मामले की जांच कर रही एटीएएस (आतंक निरोधक दस्ता, लखनऊ व गोरखपुर) की संयुक्त टीम ने गुरुवार देर शाम को तरयासुजान के भावपुर बाजार में संचालित ग्राहक सेवा केंद्र में छापेमारी की।
करीब एक घंटे की पूछताछ के बाद संचालक को हिरासत में ले टीम अपने साथ ले गई। कहा जा रहा है कि टीम के हाथ कई महत्वपूर्ण दस्तावेज तथा मुहरें लगी हैं। एटीएस की सात सदस्यीय टीम शाम को सवा सात बजे तरया सुजान क्षेत्र स्थित भावपुर बाजार पहुंची।
बेहद गोपनीय तरीके से टीम ने बाजार के बीच संचालित ग्राहक सेवा केंद्र में छापेमारी की। लगभग एक घंटे से अधिक समय तक चली छानबीन के दौरान टीम ने महत्वपूर्ण कागजात, जन्म-प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड व मुहर आदि को कब्जे में ले लिया।
संचालक संजीव सिंह निवासी अहिरौली दान थाना तरयासुजान से सवाल-जवाब के बाद टीम हिरासत में ले अपने साथ ले गई। सूत्रों के अनुसार रायबरेली में बीते दिनों बड़े पैमाने पर फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र व आधार कार्ड बरामद हुआ है। जांच में इसका प्रयोग रोहिंग्या घुसपैठियों को नागरिकता दिलाने के लिए चल रहे षड़यंत्र में होने की आशंका पर इस मामले की जांच एटीएस कर रही है।
इस मामले में अब तक पांच से अधिक लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनसे पूछताछ के दौरान कुशीनगर के तरयासुजान के भावपुर बाजार में संचालित ग्राहक सेवा केंद्र से जन्म प्रमाण-पत्र जारी होने की बात सामने आई। एटीएस टीम ने यहां छापेमारी की।
टीम ने विशुनपुरा सीएससी में तैनात डाटा इंट्री आपरेटर सतीश सोनी को भी गिरफ्तार किया है। जानकारों के अनुसार जालसाजों के इस गिरोह के तार कर्नाटक, असम व मुंबई से जुड़े होने के सबूत मिले हैं।
एएसपी अभिनव त्यागी ने बताया कि एटीएस की टीम के आने की जानकारी मिली है। टीम ने स्थानीय पुलिस से कोई संपर्क नहीं किया। एटीएस की कार्रवाई बेहद गोपनीय होती है। आवश्यकता पड़ने पर ही टीम जिले की पुलिस से संपर्क करती है।