अनूपपुर: जश्ने ईद-मिलाद-उन-नबी पर निकला जुलूस: मुस्लिम धर्मावलंबियों ने मांगी अमन की दुआ

शांति एवं सौहार्द के साथ मनाया गया पर्व, गले मिल एक दूसरे को दी बधाई, प्रशासन रहा मुस्तैद

अनूपपुर। जिले भर में हजरत पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्मदिन पर सोमवार को ईद मिलाद उन नबी का जुलूस अकीदत व पूरे एहतराम के साथ निकाला गया। जश्ने ईद ए मिलाद-उन-नबी का त्यौहार शांति एवं सौहार्द के साथ मनाया गया। जहां सुबह से ही जिला मुख्यालय स्थित जमा मस्जिद में मुस्लिम समुदायो द्वारा नमाज अता कर हजरत मोहम्मद साहब का जन्मदिवस मनाते हुए एक दूसरे को गले मिलकर बधाई दी। वहीं मुस्लिम समाज द्वारा घर-घर जाकर सिन्नी बांटा गया। पर्व को सामजिक सौहार्द के साथ मनाए जाने को लेकर पुलिस की टीम ने अलग-अलग स्थानो पर मुस्तैद होकर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जायजा लेती रही।

इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार, अल्लाह ने समय-समय पर धरती पर अपने कई दूत भेजे, जिन्हें नबी या पैगंबर कहा जाता है। हजरत मोहम्मद को अल्लाह का आखिरी दूत कहा जाता है। इस्लाम धर्म के आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद का जन्म सऊदी अरब के मक्का में वर्ष 570 ई. में इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक रबी-उल-अव्वल की 12 तारीख को हुआ था, इसलिए रबी-उल-अव्वल की 12 तारीख को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का त्योहार मनाया जाता है। 16 सितंबर देश भर में जश्न-ए-ईद-मिलाद-उन-नबी का पर्व मनाया जा रहा है। ईद की तरह ही यह पर्व दुनिया भर के मुसलमानों के लिए बेहद मायने रखता है, इसलिए इसे ईदों की ईद कहा जाता है। पैगंबर मोहम्मद के यौम-ए-पैदाइश यानी जन्मदिन को ही मिलाद कहा जाता है, जो कि एक अरबी शब्द है। दुनिया भर के कई मुसलमान इस दिन पैगंबर मुहम्मद की यौम-ए-पैदाइश का जश्न यानी जश्न-ए-ईद-मिलाद-उन-नबी का पर्व मनाते हैं।

जश्ने ईद ए मिलाद-उन-नबी के मौके पर जिला मुख्यालय अनूपपुर सहित कोतमा में जुलूस ए मुहम्मदी निकाला गया। अनूपपुर में मस्जिद मोहल्ले से से ताजियें का जुलूश शुरुआत करते हुए बसस्टैंीड, सामतपुर से होकर पुन: मस्जिद के पास समाप्ता हो गई। इस दौरान जगह-जगह स्वासगत हुआ। जहां मुस्लिम समुदाय के अलावा नगर के सामाजिक लोग एवं जनप्रतिनिधि शामिल रहें।

कोतमा नगर के पुराने स्टेट बैंक रोड से जुलूस की शुरुआत करते हुए नगर के मुख्य मार्गो में जुलूस भ्रमण कराया। जुलूस में मुस्लिम समुदाय के अलावा नगर के सामाजिक लोग एवं जनप्रतिनिधि कौमी एकता का परचम के साथ उनके पीछे बड़ी संख्या में उलमा तकरीर करते हुए चल रहे थे। इस दौरान नगर की फीजा सरकार की आमद मरहवा, देखो मेरे नवी की शान, बच्चा बच्चा है कुर्बान, नारा ए तकवीर, नारा ए रिसालत के नारों से गूंज उठा। जुलूस ए मोहम्मदी में आशिके रसूल में लोगो ने शिरकत की। घरों व मस्जिदों में मिलाद शरीफ, कुरआन खानी, फातिहा हुईं। मस्जिदों व घरों को फूलों व झालरों से सजाया गया। बारह रवि उल अब्वल के मुबारक मौके पर नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र के उलेमाओं ने सादगी के साथ नगर में जुलूस ए मोहम्मदी निकाला। जश्ने ईद मिलादुन्नबी का जुलूस कोतमा के इस्लाम गंज से होते हुए गांधी चौक में समापन हुआ।

Related Articles

Back to top button