लखनऊ । राष्ट्रीय संयोजक अनुपम मिश्रा ने उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र के बलिया जिले से नक्सलियों की हुई गिरफ्तारी पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर आन्तरिक सुरक्षा की अनदेखी का आरोप लगाया है।
अनुपम मिश्रा ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि जो क्षेत्र मुख्यमंत्री का राजनैतिक, सामाजिक तथा धार्मिक कर्म स्थली रहा है, उस क्षेत्र में आंतरिक सुरक्षा में ऐसी चूक भयानक खतरे की आहट है।
उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के छोटे से गांव नक्सलबाड़ी से शुरू हुआ यह विद्रोह कैसे भारत के अन्य भूभाग में अपने पैर पसारता चला गया और आज 500 किलोमीटर दूर बलिया में नक्सलियों की गिरफ्तारी यह दर्शाती है कि कितनी योजनाबद्ध तरीके से इस संगठन ने अपनी सक्रियता एक बार पुनः बढ़ानी शुरु कर दी है। बलिया की सीमाएं बिहार से जुड़ती हैं जहां यह संगठन पहले भी सक्रिय रहा है । अतः यह गंभीर विषय है।
रालोद के राष्ट्रीय संयोजक ने बल देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार को नक्सलवादियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए इसके सफाए के लिए एक सघन अभियान तत्काल चलाना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि अभी यह विद्रोहियों का प्रारंभिक चरण ही हो । हमारे पास सोनभद्र का अनुभव है कि कैसे हमने इस समस्या को झेला और फिर कैसे उससे उबरे।
अनुपम मिश्रा ने कहा कि अन्याय-गैर बराबरी तथा शोषण के गर्भ से पैदा नक्सलवाद ने कैसे अपनी जड़ें अलग-अलग प्रदेशों में जमा ली। अत: आज इस समस्या का समाधान सरकारी व गैर सरकारी दोनों स्तरों पर करना होगा क्योंकि जब तक शोषित, पीड़ित, भूमिहीन, किसान, मजदूर, विस्थापित आदिवासी और सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक रूप से पिछड़े वर्गों की समस्याओं का स्थाई समाधान नहीं होगा, तब तक इस समस्या का स्थायी समाधान भी मुश्किल होगा।
नक्सलियों की पूर्वांचल में आहट इस बात का भी संकेत हो सकती है कि जन कल्याणकारी योजनाएं सिर्फ़ विज्ञापनों तक ही सीमित है। धरातल तक पहुंच ही नहीं रही है, जिस कारण जन सामान्य मे उपज रहे आक्रोश और असन्तोष का फायदा यह संगठन उठाने का प्रयास कर रहे हैं।