तमिलनाडु के त्रिची में मिली प्राचीन मूर्तियां

तमिलनाडु के त्रिची में एक मकान में पानी की टंकी के लिए जमीन खोदते समय तीन पंचलोक मूर्तियां मिलने से हड़कंप मच गया. देखते ही देखते वहां लोगों की भीड़ जुट है. जानकारी मिलने पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे. उन्होंने मूर्तियों को जब्त कर उन्हें जांच के लिए भेजा है. मूर्तियों को जिला कोषागार में रखा गया है. तीन मूर्तियों में एक भगवान राम और दो मूर्ति किसी देवी जैसी हैं.

त्रिची जिले के मन्नाचनल्लूर के पास वेंगनकुडी में सुरेश रहते हैं. उन्होंने अपने घर में पानी की टंकी बनवाने का निर्णय लिया था. इसके लिए मजदूर घर में जमीन खोद रहे थे. करीब छह फीट गहरी खुदाई करते समय अचानक उनका फावड़ा किसी धातु जैसी वस्तु से टकरा गया. उन्होंने तुरंत खुदाई रोक दी और सुरेश की सूचना दी. उन्होंने बहुत सावधानी पूर्वक गड्ढा खोदा, उसमें उन्हें तीन पंचलोक प्रतिमाएं बरामद हुईं.

जिला कोषागार कार्यालय में रखीं मूर्तियां
सुरेश ने तुरंत मनचनल्लूर पुलिस, समयपुरम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष एलंगोवन, तहसीलदार पलानीवेल और राजस्व अधिकारियों को सूचित किया. इसके आधार पर सभी अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और मूर्तियों को जब्त कर लिया.इसके बाद सभी को जिला कोषागार कार्यालय ले जाया गया और सुरक्षित रखा गया. अधिकारियों ने कहा है कि यह मूर्ति क्या है और इसे कब बनाया गया, इसका विवरण विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा जांच के बाद जारी किया जाएगा, जो मूर्ति की आयु और गुणवत्ता का आकलन करेगी. वहीं, अधिकारियों ने कहा है कि तीन मूर्तियों में से एक भगवान राम जैसी है और अन्य दो देवी जैसी हैं.

रानीपेट जिले में मिली 2 फीट ऊंची प्राचीन मूर्ति
कुछ दिन पहले रानीपेट जिले में अधिकारियों ने ऐम्पोन की दो मूर्तियां बरामद की थीं. रानीपेट जिले के शोलिंगारा के बगल में रेंडाडी पंचायत क्षेत्र में पुलियामंगलम नामक एक गांव है. यहां एक किसान ने अपनी जमीन पर गन्ना बोया था. वह पिछले कुछ दिनों से साथी मजदूरों के साथ मिलकर इसकी कटाई कर रहा था. इस बीच, मजदूर गन्ना काटने का काम कर रहे थे, तभी उन्हें लगभग 2 फीट ऊंची दो रंग की मूर्ति मिली थी.

यह देख मजदूरों ने तुरंत गांव के प्रशासनिक अधिकारी धरनिहारी को इसकी सूचना दी, उनके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर तहसीलदार सेल्वी और राजस्व निरीक्षक गोकुलकृष्णन घटनास्थल पर पहुंचे. इसके बाद अधिकारियों ने उन्हें शोलिंगार कोषागार को सौंप दिया और पुरातत्व विभाग को जांच के लिए भेज दिया. इस बात की जांच चल रही है कि क्या किसी ने इन मूर्तियों को चुराकर यहां छुपाया है या वे यहां कैसे पहुंचीं.

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