विकसित भारत के लिए एकजुट होकर करना होगा काम : आनंदी बेन पटेल

मेरठ। प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने कहा कि विकसित भारत के लिए एक साथ होकर एकजुट होकर और आपसी सहयोग से हमें काम करना होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन से नेतृत्व नहीं मिलेगा, नेतृत्व जमीन स्तर पर काम करने से मिलेगा। उन्होंने छात्रों से कहा कि सरकारी नौकरी के चक्कर में मत पड़िए। आप सभी कुशल हैं, जिसे सरकार कौशल विकास के जरिए दिशा दे रही है इसका लाभ उठाएं।

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के 36वें दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने कहा कि हाल ही में पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा के लिए 45 लाख लोगों ने फॉर्म भरें, जबकि 60200 लोगों को ही नियुक्ति मिलनी है। युवाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि 90 फीसदी वालों को सरकारी नौकरी मिल जाएगी लेकिन 60 फीसदी वालों को कौशल विकास करना होगा। मौजूदा समय लाइन में खड़े होने का नहीं है, रोजगार के लिए प्रयास करते हुए कौशल विकास करते रहें। युवाओं को स्टार्टअप तथा स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से विद्यार्थियों के लिए की जा रही व्यवस्था और योजनाओं की जानकारी दी।

कुलाधिपति ने कहा कि जाति-बिरादरी के चक्कर में पड़कर देश पर चढ़ रहा है। हम सभी ईश्वर के दरबार में समान हैं। कोई ऊंचा है न कोई नीचा है। कोई किस बिरादरी का है, इन बातों को लेकर हमें नहीं भटकना है। शिक्षा से ही उन्नति कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राएं अपनी डिग्री लेने आया करते थे जिनमें लोग उनसे रुपये भी मांगते थे, लेकिन अब यह डिग्रियां डिजिलॉकर में सेव कर दी गई हैं और विद्यार्थी घर बैठे इनका प्रिंट आउट निकाल सकते हैं। उन्होंने कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला को जल्द ही अंक तालिका भी अपलोड करने को कहा।

राज्यपाल ने कहा कि पदकधारियों की महती जिम्मेदारी है कि वे अनपढ़ माताओं को प्राथमिक शिक्षा मुहैय्या कराएं तभी उनके पदक की महत्ता बढ़ेगी। किसी भी देश की निर्माण की आधारशिला शिक्षा होती है। शिक्षकों को इसका महत्व समझना चाहिये।

जीवन में सफलता के लिए आत्म अनुशासन जरूरी: नल्लाथंबी कलेसेलवी

मुख्य अतिथि सीएसआईआर की महानिदेशक डॉ. नल्लाथंबी कलेसेलवी ने कहा कि जीवन में सफलता के लिए आत्म अनुशासन जरूरी है। डिग्री प्राप्त करने से शिक्षा समाप्त नहीं होती। ये एक सतत प्रक्रिया है। 21वी सदी की गतिशील दुनिया में जो तेजी से बदल रही है केवल वे जो लगातार सीखने के लिए इच्छुक है वे ही दुनिया द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगे। शाम की कक्षाओं, सेमिनारों, कार्यशालाओं आदि में खुद को नामांकित करके अपने ज्ञान को उन्नत करे। उन्होंने कहा स्वार्थी मत बनो।सपनो को हासिल करने में दूसरों की मदद करो। ये आपको उनके सम्मान, निष्ठा और सहयोग में सहायक होगा। किताबों को पढ़े, खुद को अपडेट करे। दुनिया भर में होने वाली घटनाओं से खुद को परिचित कराएं। अपने व्यस्त कार्यक्रम से कुछ समय अवश्य निर्धारित करें। आत्म अनुशासन महत्वपूर्ण कारक है जो आपकी सफलता के लिए काफी हद तक योगदान देता है।

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