बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर के चुनाव मैदान में उतरने से चुनाव हुआ रोचक

देवरहा बाबा की तपोभूमि को स्पर्श करता सलेमपुर संसदीय क्षेत्र का इतिहास पुराना है। गुप्त वंश व पाल शासकों के कभी अधीन रहा यह क्षेत्र आज दीर्घेश्वरनाथ मंदिर मझौलीराज, परशुरामधाम सोहनाग जैसे ऐतिहासिक धरोहरों के लिए जाना जाता है। भाजपा ने यहां दो बार से सांसद रविंदर कुशवाहा को चुनाव मैदान में उतारा है तो आइएनडीआइए के तहत समाजवादी पार्टी ने रमाशंकर राजभर को उम्मीदवार बनाया है।

बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर के चुनाव मैदान में उतरने से चुनाव रोचक हो गया। राजभर जाति के दो उम्मीदवारों के चुनाव मैदान में होने से चुनावी गणित उलझ गया है। यहां सीधी टक्कर की बजाय त्रिकोणीय आसार बन रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी इस बार जीत की हैट-ट्रिक लगाने को पसीना बहा रहे हैं लेकिन उनकी यह उम्मीद विकास पर टिकी है। सलेमपुर के परिदृश्य पर देवरिया के संवाददाता पवन कुमार मिश्र की रिपोर्ट….

विकास के मायने को समझना हो तो सड़कों की दशा देख लीजिए। यहां चमचमाती सड़कों का जाल बिछा है। हर कोई रफ्तार भर रहा है, लेकिन कुछ टीस भी है, जो बातों-बातों में उभर जाती है। सुबह के वक्त लोग घरों के बाहर दिख रहे हैं। अपनी दिनचर्या में लगे हैं। चकरा गोसाईं गांव में मुसैला-भागलपुर मार्ग किनारे दुकान के बाहर कुछ लोग बैठे नजर आते हैं।

इनमें एक हैं फकरे आलम, जो चुनावी चर्चा शुरू होने पर कहते हैं-अभी मतदाता खामोश है। कुछ भी बोल नहीं रहा है। चुनाव के दिन मूड बनाएंगे कि किसे वोट देना है। फिर कहते हैं कि एमपी-एमएलए को हम नहीं जानते। सरकार किसी की हो, मेरे गांव में खूब काम हुए हैं। यहां बैंक खुला है। पानी की टंकी बनी है। फिलहाल सबसे बड़ी टीस है बेरोजगारी की। यह बड़ा मुद्दा है।

आगे बढ़ने पर भागलपुर में सरयू नदी के पुल पर चेतावनी साफ झलकती है। लिखा है-40 टन क्षमता वाले वाहन ही आ जा सकते हैं। गति 20 किलोमीटर प्रति घंटे रहेगी। यह पुल है संसदीय क्षेत्र के सलेमपुर व भाटपार रानी को बेल्थरा रोड, बांसडीह व सिकंदरपुर विधानसभा से जोड़ता है। बेल्थरा रोड के उभांव में चाय की दुकान पर लोग चुस्कियां ले रहे हैं।

यहां बैठे इमरान कहते हैं कि यह चमचमाती सड़क जो आप देख रहे हैं, यह वर्षों से ऐसी ही है। इसकी वजह गुणवत्ता है। कुछ विकास कार्य हुए हैं, लेकिन अभी बहुत से कार्य होने बाकी है। वह चुनावी गणित समझाते हुए कहते हैं ‘सपा-भाजपा में टक्कर है, लेकिन बसपा को भी कम नहीं आंक सकते। भाजपा प्रत्याशी को मोदी के नाम पर वोट मिल रहा है।’

पुल पार करते ही तुर्तीपार में कई लोग बैठे हैं। पेशे से शिक्षक अखिलेश प्रसाद बोले, सरकार ने गरीबों के घरों में शौचालय बनवाए हैं। किसान सम्मान निधि योजना का लाभ किसानों को मिल रहा है, लेकिन युवाओं को रोजगार देने का मुद्दा बड़ा है। युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। अग्निवीर योजना पसंद नहीं है।

बेल्थरा रोड के मझवलिया गांव के अर्जुन सिंह चुनावी चर्चा पर कहते हैं-सपा सरकार को लोग भूले नहीं हैं। उनकी सरकार में अचानक जातिवाद बढ़ जाता है। कमजोर व गरीब लोगों का उत्पीड़न बढ़ जाता है। दूसरी तरफ मोदी-योगी सरकार में किसी का उत्पीड़न नहीं हुआ। कानून व्यवस्था बेहतर हुई है। विकास कार्य भी कराए गए हैं। लोग प्रत्याशी की बजाय योगी-मोदी के नाम पर वोट करेंगे।

बांसडीह, मनिहर के वीरेंद्र सिंह व विजेंद्र सिंह कहते हैं कि सांसद से नाराजगी दिख रही है, लेकिन मोदी के नाम उनको वोट मिलेगा। इस बार मतदाता खामोश है। सपा व भाजपा मजबूत दिख रही है, लेकिन बसपा भी जोर लगा रही है। सिकंदरपुर के मदन गुप्ता कहते हैं कि सवर्ण मतदाता भाजपा के साथ हैं। राजभर मतों में बिखराव हो रहा है। अन्य पिछड़ा वर्ग एकजुट नहीं है। उनमें भी बिखराव है।

वापस लौटने पर रामजानकी मार्ग पर आगे बढ़ते हैं। हरखौली गांव के संजय पांडेय दुकान में अकेले बैठे हैं। तेज धूप के चलते पसीने से तर हैं। चुनावी तपिश की बात छिड़ते ही बोले, संसदीय क्षेत्र में सड़कों का निर्माण तेजी से हुआ। रामजानकी मार्ग भी फोरलेन बन रहा है। कानून व्यवस्था बेहतर व बिजली आपूर्ति में बहुत सुधार है। तभी हम पंखे के सहारे पसीना सुखा रहे हैं। भाजपा को मोदी के नाम पर वोट मिलेगा। लड़ाई कठिन है, लेकिन परिणाम भाजपा के पक्ष में ही आएगा।

पेट्रोल पंप पर काम करने वाले युवा विश्वजीत मिश्र कहते हैं, मोदी फिर आ रहे हैं। उन्होंने जनता की सेवा की है। राशन, पेंशन समेत कई योजनाओं का लोग लाभ उठा रहे हैं। हालांकि दूसरे अमन यादव उनकी बातों को खामोशी से सुनते हैं। वह कहते हैं कि मैं दूसरे प्रांत में कमाने गया था। अभी कुछ दिन पहले आया हूं। इसलिए जानकारी नहीं हैं।

लार के पिपरा चौराहे पर बभनौली पांडेय निवासी पेशे से शिक्षक परवेज आलम मिलते हैं। वह कहते हैं कि कोई कुछ भी कहे। माहौल भाजपा के पक्ष में है। भले ही महंगाई से लोग परेशान हैं, लेकिन गरीबों को आवास, राशन, पीएम किसान सम्मान निधि आदि योजनाओं का लाभ तो लोगों को मिल ही रहा है। लोग मोदी के नाम पर वोट देंगे।

उनकी बातों का दर्जी का काम करने वाले सरकड़ा गांव चंद्रिका प्रसाद भी समर्थन करते हैं। वह कहते हैं कि उज्ज्वला योजना गरीबों को मिला है। महिलाएं मोदी को पसंद करती हैं। भाटपार रानी में ठेले पर भूजा बेचने वाली रुचि देवी कहती हैं कि योगी-मोदी का नाम है। उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है। मझौलीराज में चाय की दुकान पर जयराम निषाद अखबार में चुनावी खबरों को पढ़ रहे हैं। बोले, यहां लड़ाई आमने-सामने की दिख रही है।

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