अशोक भाटिया
कांग्रेस पार्टी और उसके कुछ नेताओं को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कुछ वीडियो क्लिप साझा करने पर बुधवार को X से नोटिस मिला। विपक्षी सूत्रों ने कहा कि X (पहले Twitter) की चिट्ठी में गृह मंत्रालय (MHA) के साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर से मिले नोटिस का हवाला दिया गया है । इसमें उनके द्वारा शेयर की गई सामग्री को भारत के कानून का कथित तौर पर उल्लंघन करने वाला करार देते हुए हटाने को कहा गया है। एक्स ने नोटिस जारी तब किया, जब भाजपा ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस राज्यसभा में बीआर आंबेडकर के बारे में अमित शाह के भाषण के संपादित वीडियो शेयर कर रही है। सूत्रों ने दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुरोध पर कांग्रेस के हैंडल को नोटिस जारी किया गया था।
कांग्रेस द्वारा अमित शाह के भाषण की एक क्लिप साझा करने के बाद एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था, जिसमें उन पर भारतीय संविधान के निर्माता बीआर अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया गया था। भाजपा ने जवाबी हमला किया, यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आरोपों का जवाब देने के लिए कदम उठाया उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा संविधान को बदलने का इरादा रखती है, उन्होंने अमित शाह से माफी की मांग की थी । मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रियंका गांधी सहित अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी अमित शाह से माफी की मांग की थी।
भाजपा और अमित शाह ने कांग्रेस के आरोपों का कड़ा विरोध किया, जिसमें वीडियो क्लिप में हेराफेरी का आरोप लगाया गया। गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि भाजपा सभी कानूनी विकल्पों की जांच करेगी। संसद के अंदर और बाहर जो भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, सभी संभावनाओं पर विचार किया जाएगा।कांग्रेस ने अपनी पुरानी चालें चलीं और गलत तथ्य पेश करके समाज को गुमराह करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि वह ऐसी पार्टी से आते हैं जो कभी आंबेडकर का अपमान नहीं करेगी।
गौरतलब है कि राज्यसभा में एक दिन पहले मंगलवार (17 दिसंबर) को संविधान पर चर्चा करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने भीम राव अंबेडकर को लेकर बयान दिया था , जिसे लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा मचा रखा है। बुधवार को संसद के अंदर से लेकर बाहर तक विपक्षी सांसदों ने प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि अमित शाह ने अपने भाषण के दौरान संविधान निर्माता बाबा साहेब का अपमान किया है।वहीं अब अमित शाह की अंबेडकर संबंधी टिप्पणी पर विवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिक्रिया दी है। प्रधानमंत्री मोदी एक्स पर पोस्ट करते हुए कांग्रेस को जमकर घेरा। साथ ही कहा कि अमित शाह ने राज्यसभा में अंबेडकर का अपमान करने के कांग्रेस पार्टी के काले इतिहास को उजागर किया है।
अंबेडकर को लेकर कांग्रेस के हंगामे पर प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि अगर कांग्रेस और उसका सड़ा हुआ इकोसिस्टम यह सोचता है कि उनके दुर्भावनापूर्ण झूठ उनके कई वर्षों के कुकर्मों, खासकर डॉ। अंबेडकर के प्रति उनके अपमान को छिपा सकते हैं, तो वे बहुत बड़ी गलतफहमी में हैं! भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंश के नेतृत्व वाली एक पार्टी ने डॉ। अंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी/एसटी समुदायों को अपमानित करने के लिए हर संभव गंदी चाल चली है।भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंश के नेतृत्व वाली एक पार्टी ने डॉ अंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी/एसटी समुदायों को अपमानित करने के लिए हर संभव गंदी चाल चली है। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर अंबेडकर को भारत रत्न देने से इनकार करने और संसद के सेंट्रल हॉल में उनके चित्र को जगह न देने का आरोप लगाया।
अमित शाह ने कांग्रेस के बारे में बोलते हुए कहा था कि वह बार बार संविधान का हवाला देती है पहले वह खुद्कों आईने में देखे । कांग्रेस ने संविधान में बोलने की आजादी कम करने का संशोधन किया, मौलिक अधिकारों में कटौती का संशोधन किया, चुनाव हारने की आशंका के कारण विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाने का संशोधन किया, अपनी कुर्सी बचाने के लिए प्रधानमंत्री के कामों की न्यायिक जांच पर रोक लगाने का संशोधन किया, जबकि नरेन्द्र मोदी की सरकार ने “एक देश एक टैक्स” के लिए संविधान में संशोधन किया, पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया, महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण के लिए संशोधन किया, गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए संशोधन किया। अमित शाह ने कहा कि ये सारे उदाहरण देखने के बाद कोई भी समझ सकता है कि संविधान को लेकर कांग्रेस की मंशा और नरेन्द्र मोदी की नीयत में क्या फर्क है। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस अपनी पुरानी मानसिकता से उबर नहीं पाई है, आज भी वो सामान नागरिक संहिता का विरोध कर रही है लेकिन भाजपा लोकतांत्रिक तरीके से कॉमन सिविल कोड सभी राज्यों में लाएगी।
ये अमित शाह का कांग्रेस पर अब तक का सबसे करारा हमला था क्योंकि भाजपा इन्हीं तीन बातों के आधार पर अपने आप को कांग्रेस से अलग बताती है। अमित शाह ने दूसरा काम ये किया कि उदाहरण देकर, तुलना करके ये बताया कि कांग्रेस ने जब जब संविधान में संशोधन किए तो उसका उद्देश्य कुर्सी बचाना था और जब जब मोदी सरकार ने संशोधन किए तो मकसद गरीबों और पिछड़ों को ज्यादा अधिकार देने का था। अमित शाह ने जो उदाहरण दिए, उन्हें समझने की जरूरत है। अमित शाह ने गिनाया कि कांग्रेस ने संविधान में जो संशोधन किए, वो अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदी लगाने के लिए थे, आम नागरिकों के मौलिक अधिकार छीनने के लिए थे। अमित शाह की ये बात सही है और इमरजेंसी के काले दिन इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं।
संविधान को लेकर भाजपा पर तीन तरह के आरोप लगाए जाते हैं। अमित शाह ने इन तीनों का जवाब दिया। एक तो राहुल गांधी बार बार संविधान की कॉपी लहराकर कहते हैं कि भाजपा संविधान को बदलना चाहती है, आरक्षण को खत्म करना चाहती है। अमित शाह ने एक के बाद एक कई उदाहरण गिनाए, बताया कि मोदी सरकार ने पिछड़ों और गरीबों को अधिकार देने के लिए संविधान में कैसे बदलाव किया। दूसरा आरोप ये लगता है कि भाजपा वोट बैंक की राजनीति करती है, मुसलमानों को परेशान करती है। इसके जवाब में अमित शाह ने शाह बानो केस और तीन तलाक कानून का उदाहरण दिया। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस ने मुस्लिम महिलाओं का हक़ छीना और भाजपा ने मुस्लिम महिलाओं को उनका हक़ दिलाया, तीन तलाक से मुक्ति दिलाई।
तीसरा आरोप भाजपा पर ये लगाया जाता है कि वो EVM में गड़बड़ी करके चुनाव जीतती है। इसका भी अमित शाह ने स्पष्ट जवाब दिया। अमित शाह ने उदाहरण देकर पूछा, एक ही दिन में दो राज्यों के चुनाव के नतीजे आए, महाराष्ट्र में EVM खराब और झारखंड में EVM अच्छी कैसे हो सकती है? हालांकि अमित शाह के जवाब के बाद भी विपक्ष के नेता ये मुद्दा छोड़ेगें नहीं क्योंकि मंगलवार को ही उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में देवेन्द्र फडणवीस की सरकार को EVM की सरकार कह दिया।इन सब आरोप प्रत्यारोप के बाद कांग्रेस को पहले अपना चेहरा आईने में देखना चाहिए ।