अखिल भारतीय किसान महासभा ने अपनी मांगों को लेकर बीकेटी क्षेत्र के गौराही गांव से इटौंजा तक किया मार्च

निष्पक्ष प्रतिदिन/बीकेटी,लखनऊ

केंद्र सरकार की किसान मजदूर विरोधी , विनाशकारी नीतियों के खिलाफ तथा किसानों से सरकार की वायदा खिलाफी के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा और मजदूर महासंघों के राष्ट्रव्यापी हड़ताल / ग्रामीण बंद के आवाहन पर शुक्रवार अखिल भारतीय किसान महासभा ने अपनी मांगों को लेकर बीकेटी क्षेत्र के गौराही गांव से इटौंजा तक मार्च किया है । इस अवसर पर किसान महासभा के नेता छोटेलाल रावत ने नौ सूत्रीय ज्ञापन के माध्यम से कहा कि सरकार की वायदा खिलाफी के विरोध में दिल्ली मार्च कर रहे पंजाब के किसानों के साथ दुश्मनों जैसे व्योहार की कड़ी निन्दा करते हैं।किसान महासभा के नेताओं ने थानाध्यक्ष को ज्ञापन सौंपकर धरना प्रदर्शन समाप्त किया।

छोटेलाल रावत ने अपने ज्ञापन में कहा कि किसानों को एमएसपी की गारंटी की जाए , खाद , बीज , पानी सस्ते दर पर उपलब्ध कराए जाए तथा छोटे और मध्यम किसानों के सभी क़र्ज़ माफ किए जाएं।बिजली बिल 2022 वापस लिया जाए तथा किसानों को निशुल्क बिजली उपलब्ध कराई जाए।अन्ना पशुओं से किसानों की फसल को हो रहे नुकसान से बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।मनरेगा का बजट बढ़ाया जाए , मनरेगा में गरीब परिवारों को वर्ष में दो सौ दिन काम तथा छह सौ रुपए दैनिक मजदूरी की गारंटी की जाए।मजदूरों को गुलाम बनाने वाली 4 श्रम संहिताओं को रद्द किया जाए तथा सभी श्रम कानूनों को लागू किया जाए।रेलवे , रक्षा , बिजली , कोयला , तेल , इस्पात , दूर संचार , डाक , परिवहन , हवाई अड्डा समेत सभी सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण को बन्द किया जाए।शिक्षा का बाजारीकरण बंद किया जाए , बेतहाशा फीसबृद्धि पर रोक लगाई जाए तथा सभी को समान और शिक्षा की गारंटी की जाए।आशा , मिड – डे मील समेत सभी इस्कीम वर्कर्स को कर्मचारी का दर्जा दिया जाए और उन्हें न्यूनतम 21हजार रुपये वेतन दिया जाए। उन्होने यह भी कहा कि बीकेटी क्षेत्र के ग्राम खजुरी, इंदारा समेत तमाम गांवों में दबंगों द्वारा गांव समाज की जमीनों पर किए गए अवैध कब्जा हटाए जाएं।

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