समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इन दिनों मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में प्रचार में जुटे हैं. उन्होंने गुरुवार को पन्ना में सपा के प्रत्याशी महेन्द्र के समर्थन में जनसभा को सम्बोधित किया. हालांकि, इस दौरान वे एक पत्रकार पर भड़क गए. इतना ही नहीं उन्होंने पत्रकार को बीजेपी का एजेंट तक बता दिया. हालांकि, यह पहला मौका नहीं है, जब अखिलेश ने इस तरह अपना आपा खोया हो, वे इससे पहले भी कई बार पत्रकारों और पुलिसकर्मियों पर भड़कते हुए भाषा की मर्यादा तोड़ चुके हैं.
दरअसल, पन्ना में एक पत्रकार ने उनसे सवाल किया कि योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आप टोंटी चोर हैं. इस पर अखिलेश यादव ने कहा, ‘तुम पत्रकार नहीं हो. तुम बीजेपी के एजेंट हो बेटा .. तुम्हारा नाम क्या है? इस पत्रकार की फोटो खींचो…’
अखिलेश के सवाल पर पत्रकार ने कहा, ‘मेरा नाम नूर काजी है.’ अखिलेश ने इस पर कहा, ‘मुस्लिम हो आप. ऐसी भाषा होती है मुसलमानों की क्या? तुम तो बिके हुए हो.. तुम आगे से मत आना बेटा यहां.. पता नहीं तुम पत्रकार हो भी या नहीं.. जब मैंने सीएम आवास छोड़ा था तो बीजेपी ने इसे धुलवाया था.’
पुलिसकर्मियों पर भी निकाल चुके भड़ास
इससे पहले अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान भी अपना आपा खोते नजर आए थे. अखिलेश में कन्नौज में एक जनसभा के दौरान मंच से कहा था, ”ऐ पुलिसवालों….ऐ पुलिस…पुलिस्स्स….ऐ पुलिस….ऐ पुलिसवालों, क्यों कर रहे ये तमाशा, तुमसे ज्यादा बदतमीज कोई नहीं हो सकता…क्यों ऐसा कर रहे हो ..ये लगता है कि बीजेपी वाले करा रहे हैं…”
अखिलेश ने साधा बीजेपी पर निशाना
पन्ना में जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, मुझें मध्य प्रदेश की जनता पर भरोसा है और समाजवादियों को अपने सिद्धांतों और कार्यक्रमों पर भरोसा है. सपा जातीय जनगणना के पक्ष में है. वह जातीय जनगणना से सामाजिक न्याय की लड़ाई के नारे को तभी सार्थक मानती है जब 27 प्रतिशत आरक्षण पिछड़ों को मिले.
अखिलेश यादव ने कहा है कि ये लड़ाई हजारों वर्ष पुरानी है. अभी भी इस लड़ाई का कोई हल नहीं निकला है. जब हमने अपना मुख्यमंत्री आवास खाली किया तो वर्तमान मुख्यमंत्री ने उसे गंगा जल से धुलवाया. सोचो अगर आप पिछड़ें, दलित, आदिवासी है तो आपके साथ क्या होगा? शिक्षा तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार में जो काम हुए उन्हें अभी तक मध्य प्रदेश में लागू नहीं किया जा सका. समय आने पर पीडीए वाले वोट डालकर गंगा जल से हमारे घर धुलवाने वाले सामंती और मनुवादी सोच वालों की जमानत जब्त करा देना.