राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजित पवार ने शुक्रवार को कहा कि जब शरद पवार ने मई में पार्टी अध्यक्ष के रूप में अपने इस्तीफे की घोषणा की थी, तो कुछ नेताओं को उनसे (शरद से) अपना फैसला वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन करने को कहा गया था. रायगढ़ जिले के कर्जत में पार्टी की विचार मंथन बैठक में अजित पवार ने इस इस्तीफा प्रकरण को ‘नौटंकी’ करार दिया. उन्होंने कहा, ‘‘जितेंद्र आव्हाड और आनंद परांजपे (एनसीपी नेताओं) को (शरद पवार द्वारा) बुलाया गया और उनका (शरद का) इस्तीफा वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन आयोजित करने को कहा गया था.
अजित पवार ने कहा, ‘‘परांजपे बाद में मेरे पास आए और मैंने उनसे पूछा कि आप यह नौटंकी क्यों कर रहे हैं. मेरा यह विचार था कि इसकी जरूरत नहीं थी. मैंने उनका (शरद पवार का) इस्तीफा नहीं मांगा था.’’ मुंबई में दो मई को एक कार्यक्रम में एनसीपी प्रमुख के रूप में इस्तीफा देने की घोषणा करने के कुछ ही दिनों बाद, शरद पवार ने कहा था कि वह देश भर में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए अपना फैसला वापस ले रहे हैं.
अजित पवार दो जुलाई को महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे नीत सरकार में शामिल हुए थे. उन्होंने कहा कि शरद पवार नीत गुट समझौते के लिए संपर्क कर रहा है. उन्होंने कहा कि इस तरह की एक बैठक 12 अगस्त को कारोबारी अतुल चोरडिया के पुणे स्थित आवास पर 12 अगस्त को हुई थी.
अजित ने कहा, ‘‘यदि आप हमारे फैसले (शिंदे नीत सरकार में शामिल होने) को पसंद नहीं करते हैं, तो आपने हमें बैठक के लिए क्यों बुलाया था.’’ उन्होंने यह भी कहा कि उनका गुट बारामती लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ेगा. शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले अभी इस सीट का लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर रही हैं. सुले ने अपने चचेरे भाई के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘मेरी हमेशा से यह राय रही है कि किसी को मेरे खिलाफ चुनाव लड़ना चाहिए.’’
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस दावे पर कि उन्हें (अजित पवार) एनसीपी संस्थापक शरद पवार के राजनीतिक करियर को खत्म करने के लिए भाजपा द्वारा ‘सुपारी’ दी गई है, अजित पवार ने कहा कि देशमुख, शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट के साथ बने रहे, क्योंकि अगर उन्होंने पाला बदला होता, तो उन्हें मंत्री पद नहीं मिलता.
अजित पवार ने यह भी कहा कि समान नागरिक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण पर विस्तृत चर्चा करने के लिए यह उपयुक्त समय है. उन्होंने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाया जाए, एक दंपति को केवल दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दी जानी चाहिए. यदि हम अभी ऐसा नहीं करते हैं, तो हमारे प्राकृतिक संसाधन हमारे लिए कम पड़ जाएंगे. अगर नरेन्द्र मोदी जी कोई कानून लाना चाहते हैं, तो उन्हें लाना चाहिए.