भारत और यूएई के बीच ग्रिड कनेक्टिविटी की संभावना तलाशने के लिए करार

गांधीनगर। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बुधवार को बताया कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने दोनों देशों के बीच ग्रिड कनेक्टिविटी की संभावना का पता लगाने के लिए एक करार पर हस्ताक्षर किए हैं। क्वात्रा ने कहा कि यह करार वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में नई दिल्ली और अबू धाबी के बीच हस्ताक्षरित कुल चार समझौतों (एमओयू) का हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि एक करार नवीकरणीय ऊर्जा पर है, जिसमें हरित हाइड्रोजन और सौर ऊर्जा भी शामिल है। विदेश सचिव ने बताया कि जिन अन्य समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं वे लाजिस्टिक, स्वास्थ्य नवोन्मेष और फूड पार्क की स्थापना से संबंधित हैं।

क्वात्रा से जब दिन में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट से यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के अचानक जाने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसका कारण बताने से इनकार कर दिया, लेकिन तुरंत ही कहा कि जाने से पहले उनकी सार्वजनिक टिप्पणियां ‘गर्मजोशी भरी’ थीं और उन्होंने मंगलवार शाम के रोड शो की भी सराहना की।

सहयोग का पुल बनाने की शक्ति में भरोसा: नाहयान
वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में मुख्य अतिथि यूएई के राष्ट्रपति नाहयान ने कहा कि वह सहयोग का पुल बनाने की शक्ति में विश्वास करते हैं। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘मैंने दुनियाभर के नेताओं और अधिकारियों के साथ भारत में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में भाग लिया। यूएई आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सहयोग के पुल बनाने और वैश्विक चुनौतियों से निपटने व सभी के लिए स्थिरता एवं समृद्धि हासिल करने में मदद करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने की शक्ति में ²ढ़ता से विश्वास करता है।’

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