रामलीला देखने वाले दर्शकों की भारी संख्या में रहती है भीड़, रामलीला कमेटी के पदाधिकारी कर रहे पूरा सहयोग
हैदरगढ़ बाराबंकी 15 दिवसीय रामलीला मे राम केवट संवाद ,चित्रकूट की लीला दिखाई गयी प्रभु श्री राम चंद्र वन जाते समय श्रंगवेरपुर पहुंचते वहा अपने शाखा निषादराज् से मिलते है उनका हाल चाल पूछते है अपने वन जाने का कारण बताते है उसके उपरांत सभी के साथ गंगा तट पर पहुंच कर गंगा पार जाने के लिए केवट को बुलाते है केवट नाव पर् बैठाने से मना कर देता है और कहता है जब तक आप अपने चरण नही धुलावाएंगे तब तक आपको हम नौका मे नही बैठाएंगे केवट के भाव पूर्ण शब्दों को सुन भगवान मुस्कुरा कर कहते है की अच्छा भाई केवट तुम वही करो जिससे तुम्हारी नौका बच जाये केवट भगवान के चरण धोकर उसका अमृत पान करता है भगवान श्री राम माता सीता भाई लखन लाल सभी को नाव पर बैठा कर गंगा पार उतरता है माता सीता अपनी अंगूठी उतर कर श्री राम जी को देती है श्री राम जी केवट को देने लगते है कहते है लो भाई उतराई लेलो केवट कहता है अरे प्रभु मै आपसे उतरई कैसे ले सकता हु हम तो गंगा पार उतारने वाले है आप तो भव से पार लगाने वाले है तो काम तो दोनो का एक ही है नाई से न नाई ले धोबी से न धोबी ले मजदूरी प्रभु जात को न बिगड़िये उसके बाद प्रभु श्री राम भरतद्वाज आश्रम पहुंचते है मुनी से मिलकर आगे जाते समय बाल्मीकि जी से मिलते है और उनसे ठहरने के लिए स्थान पूछते है बाल्मीक जी ने बहुत ही सुंदर स्थान चित्रकूट बताया भगवान माता सीता भाई लक्ष्मण के साथ वहां पहुंच कर अपना निवास बनाते है उधर भरत शत्रुधन अपनी माताओ गुरुओं एवं अयोध्या की सेना के साथ वहां पहुंचते है भरत जी के बहुत मनाने के बाद भी भगवान श्री राम नही माने और अपनी चरण पादुका दे कर अयोध्या के लिए वापस कर दिया कुछ दिन बाद जयंत भगवान की परीक्षा के लिए सीता जी के पैर मे अपनी चोच मार देता है तभी श्री राम जी ने उसको तिर से निशाना लगया वो जलने लगा भागते भागते वो सभी देवताओं के पास जाता है कोई भी उनकी सहयाता नही करता है भाग कर वो प्रभु श्री राम जी के चरण मे आके छमा मांगता है 15 दिवसीय रामलीला में भारी संख्या में पुरुष व महिला दर्शकों की भीड़ उमड़ रहे