नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बीआरएस नेता के. कविता को मिली जमानत पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के बयानों पर कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई बंद कर दी है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि सभी संवैधानिक पदाधिकारियों को एक दूसरे के प्रति परस्पर सम्मान रखना चाहिए। रेवंत रेड्डी के माफीनामे के बाद कोर्ट ने अवमानना की कार्रवाई बंद कर दी है।
दरअसल, रेवंत रेड्डी ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से बीआरएस नेता के. कविता को जमानत देने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ टिप्पणी की थी। रेवंत रेड्डी ने कहा था कि जमानत बीआरएस और भाजपा की मिलीभगत का नतीजा है। इसी बयान पर सुप्रीम कोर्ट नाराज हो गया था। कोर्ट ने कहा कि तीनों अंगों के बीच आपसी सम्मान की भावना होनी चाहिए। क्या कोई इस तरह अदावत करेगा। हम हमेशा कहते हैं कि हम कार्यपालिका या विधायिका के काम में दखल नहीं देंगे लेकिन ऐसी ही उम्मीद आपसे भी है।