जिला प्रोबेशन अधिकारी के हस्तक्षेप उपरांत रुका बाल विवाह

पीलीभीत। जिला अधिकारी पीलीभीत को जनसुनवाई के दौरान एक व्यक्ति ने प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया, थाना बरखेड़ा क्षेत्र के एक गांव निवासी एक व्यक्ति अपने 17 वर्षीय पुत्री का बाल विवाह करने जा रहा है, जिसके क्रम में जिला अधिकारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को मौके पर पहुँच का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। जिला अधिकारी से प्राप्त निर्देश के क्रम में शानिवार को जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रगति गुप्ता के नेतत्व में प्रभारी निरीक्षक एएचटीयू मनोज कुमार मिश्रा एवं परियोजना समन्वयक चाइल्ड हेल्पलाइन निर्वान सिंह व थाना पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा मौके पर पहुँच कर जाँच की, तो मामला सही पाया, बालिका का विवाह 15 जुलाई को सम्पन्न होना था, बारातघर भी बुक हो चुका था, विवाह की तैयारी भी चल रही था। टीम को देखकर परिजनों में हड़कम्प मच गया। बालिका ने भी बाल विवाह 15 जुलाई को होने की बात कही, बालिका के परिजनों से बालिका की आयु के संबंध में दस्तावेज मांगे, जिसमें शैक्षिक प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया गया, जिसके अनुसार बालिका की आयु अभी 17 वर्ष 01 माह 05 दिन पायी गयी। टीम द्वारा परिजनों को हिदायत दी गई, कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार किसी भी 18 वर्ष से कम आयु की बालिका एवं 21 वर्ष से कम आयु के बालक का विवाह कानूनन अपराध है, जोकि बाल विवाह की श्रेणी में आता है, बाल विवाह करने वाले वयस्क पुरुष या बाल विवाह को संपन्न कराने वालों को इस अधिनियम की धारा-9 के तहत दो वर्ष के कठोर कारावास या 1 लाख रूपए का जुर्माना या दोनों सज़ा से दंडित किया जा सकता है। बालिका के परिजनों ने जाँच टीम को ग्राम प्रधान की मैजूदगी में लिखित में दिया गया कि वह अब अपनी बालिका की शादी 18 वर्ष पश्चात ही करेंगे। जांच टीम द्वारा बालिका को उसके परिजनों की मैजूदगी में बाल कल्याण समिति पीलीभीत के समझ प्रस्तुत किया जाएगा। समिति ने बालिका के परिजनों को आदेश दिया, वह बालिका का बाल विवाह न करें, अन्यथा उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी। संयुक्त टीम में डीसीपीयू से संरक्षण अधिकारी रमनदीप कौर, चाइल्ड हेल्पलाइन परामर्शदाता मनिष्टा गुल अंसारी, कां भानुप्रताप, अमित कुमार एवं महिला सिपाही सुनीता सम्मिलित रही।

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