पांच परसेंट बेसमेंट्स में कोचिंग सेंटर,एक परसेंट में पार्किंग और 90 परसेंट में दुकानें सजीं
गोण्डा: लेटेस्ट हेल्थ फैसिलिटीज के दावे करने वाले गोण्डा शहर में नर्सिग होम बुनियादी व्यवस्था देने तक के काबिल नहीं हैं चिकित्सा व्यवस्था के मानकों का माखौल बनाते ये अस्पताल इलाज के नाम पर मरीजों की जान से खिलवाड़ करने तक से बाज नहीं आ रहे.हालत ये कि शहर में चले रहे ज्यादातर नर्सिग होम बेसमेंट में चल रहे हैं जिससे मरीजों पर हमेशा ही संक्रमण का खतरा मंडराता रहता है. वहीं,कई जगह तो बिना डॉक्टर के ही अनट्रेंड स्टाफ इलाज से लेकर ऑपरेशन तक निपटा दे रहा है इन नर्सिग होम के संचालकों को स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई का भी डर नहीं है.इस तरह के कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं.
शहर में सैकड़ो से अधिक प्राइवेट हॉस्पिटल व नर्सिग होम संचालित हो रहे हैं इनमें करीब दर्जनों से अधिक ऐसे नर्सिग होम हैं जो बेसमेंट में चल रहे हैं हद तो ये है कि चिकित्सा व्यवस्था मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए बेसमेंट में ही आईसीयू से लेकर ऑपरेशन थिएटर तक चल रहा है जबकि नियम है कि बेसमेंट में किसी प्रकार का अस्पताल नहीं चलाया जा सकता है क्योंकि इससे मरीजों को संक्रमण से लेकर अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन नियमों को ताक पर रखकर नर्सिग होम संचालक बेसमेंट में धड़ल्ले से अस्पताल चला रहे हैं सवाल यह उठता है कि अगर कोई बड़ी घटना होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा सूत्रों की मानें तो इन संचालकों को कार्रवाई का डर भी नहीं है क्योंकि उनका सीधे बड़े रसूखदार लोगों से सेटिंग है जिसके चलते वह बेखौफ होकर अपना धंधा जमाए हुए हैं।
कई जगह तो डॉक्टर का ही पता नहीं
वहीं, कई नर्सिग होम में तो इलाज में घोर लापरवाही बरती जा रही है.पता चला है कि कई ऐसे नर्सिग होम हैं जहां बिना डॉक्टर के ही अस्पताल का संचालन किया जा रहा है.स्वास्थ्य विभाग की जांच में भी यह मामला सामने आ चुका है.अस्पताल तो खोल लिया गया है लेकिन डॉक्टर की मौजूदगी नहीं है.ऐसे में सवाल यह उठता है कि बिना डॉक्टर के कैसे लोगों का इलाज हो रहा है.यह धंधा कई साल से चल रहा है लेकिन जिम्मेदार हैं कि ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं।मानकों को पूरा न करने वाले अस्पतालों पर होगी कार्रवाई सीएमओ गोण्डा डॉ. रश्मि वर्मा,