“भारत-चीन युद्ध के बाद बनी छावनी को मिलेगा नया रूप, पीएम मोदी उत्तराखंड के दो ट्रैक का करेंगे उद्घाटन”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 फरवरी को उत्तरकाशी में गंगोत्री धाम के विंटर सीट मुखबा की अपनी यात्रा के दौरान जादूंग-जंकताल और नीलापानी-मुलिंगना पास ट्रैक का उद्घाटन करेंगे. ये जानकारी अधिकारियों की ओर से दी गई है. उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट मेहरबान सिंह बिष्ट का कहना है कि पीएम मोदी की ओर से इन दो ट्रैकों के उद्घाटन के बाद नेलांग और जादूंग घाटियों में एडवेंचर टूरिज्म को एक नया आयाम मिलेगा.

उन्होंने कहा, ‘1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद नेलांग और जादूंग घाटियों सहित क्षेत्रों को छावनी में बदल दिया गया था और स्थानीय लोगों और टूरिस्ट की आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी. अब इस क्षेत्र को लद्दाख की तर्ज पर इसकी भौगोलिक परिस्थितियों के आधार पर विकसित करने की योजना शुरू की गई है.’

बिष्ट ने कहा, ‘वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत नेलांग और जादूंग गांव को बसाने के लिए होम स्टे का निर्माण शुरू हो गया है.’ पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने सोमवार को प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर मुखबा और हर्षिल में तैयारियों का जायजा लिया है. उन्होंने जिला पर्यटन अधिकारी को प्रधानमंत्री के दौरे के लिए गंगोत्री मंदिर समेत पूरे मुखबा गांव को फूलों से सजाने और इसके लिए मंदिर समिति व ग्राम पंचायत से समन्वय स्थापित कर काम करने के निर्देश दिए. मुखबा पहुंचकर गंगोत्री मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद कुर्वे ने गांव में व्यू प्वाइंट, पेंटिंग, फुटपाथ के निर्माण का निरीक्षण किया और अधिकारियों को सभी कार्य समय पर पूरे करने के निर्देश दिए.

पीएम मोदी को दिया जाएगा हस्तशिल्प से बना एक गिफ्ट
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि स्थानीय हस्तशिल्प से बना एक गिफ्ट प्रधानमंत्री को भेंट किया जाए. राज्य सरकार ने पिछले साल से ही गढ़वाल हिमालय के चार धामों के रूप में जाने जाने वाले बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के शीतकालीन निवासों की तीर्थयात्रा शुरू कर दी है और भक्त पहले ही वहां जाना शुरू कर चुके हैं. राज्य सरकार ने कहा कि प्रधानमंत्री की आगामी यात्रा से चार धामों की शीतकालीन तीर्थयात्रा को और बढ़ावा मिलेगा.

हर साल अक्टूबर-नवंबर में चारों धामों के कपाट सर्दियों के दौरानबंद कर दिए जाते हैं, जिसके बाद देवताओं की पालकियों को उनके शीतकालीन निवासों में लाया जाता है, जहां उनकी पूजा-अर्चना की जाती है. मां गंगोत्री की शीतकालीन पूजा मुखबा में, मां यमुनोत्री की खरसाली में, केदारनाथ की उठीमठ में और बद्रीनाथ की ज्योतिर्मठ में होती है.

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