वाराणसी। भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार वाराणसी संसदीय सीट से 2024 लोकसभा चुनाव के लिए अपना प्रत्याशी घोषित किया है। मोदी इस सीट से 2014 में सांसद और देश के प्रधानमंत्री बने। इसके बाद वह 2019 में भी यहां से मैदान में उतरे और दोबारा सांसद बने। स्वतंत्रता के बाद इस सीट से दो सांसद ही ऐसे रहे जो तीन-तीन बार संसद में पहुंचे।
1952 के पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रघुनाथ सिंह को मैदान में उतारा। बड़े जमींदार परिवार से होने के बावजूद रघुनाथ सिंह जनता के बीच काफी लोकप्रिय थे। वह 1952, 1957 और 1962 में लगातार यहां से सांसद बने।
तीन बार वाराणसी सीट से सांसद रहे शंकर प्रसाद जायसवाल
श्रीराम मंदिर आंदोलन के बाद 1991 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से पूर्व पुलिस अधिकारी और जन्मभूमि कारसेवा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले श्रीशचंद दीक्षित को मैदान में उतारा। श्रीशचंद ने सीट जीतकर भाजपा की झोली में डाल दी। इसके बाद भाजपा ने 1996 में यहां से शंकर प्रसाद जायसवाल को मैदान में उतारा। उन्होंने पार्टी को निराश नहीं करते हुए 1996, 1998 और 1999 में वाराणसी सीट का प्रतिनिधित्व किया।
भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री पद और वाराणसी संसदीय सीट का उम्मीदवार घोषित किया। प्रधानमंत्री को हराने के लिए देशभर से राजनेता, सामाजिक संगठनों आदि के लोग मैदान में उतरे। इसमें प्रमुख नाम सामाजिक कार्यकर्ता से राजनेता बने आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल रहा।
मोदी ने 5,81,082 मत प्राप्त कर भाजपा विरोधी मतों का अपने पक्ष में ध्रुवीकरण कर लड़ने वाले केजरीवाल को 3,78,784 मतों से हराया। चुनाव मैदान में उतरे 42 में से 40 लोगों की जमानत जब्त हो गई।
गुजरात के बाद भोले नगरी में रमा पीएम का मन
मोदी गुजरात की बडोदरा सीट से भी जीते थे। वहां से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद तो मोदी की बाबा विश्वनाथ की नगरी से ऐसी लगन लगी कि वह लगातार काशी के नजदीक आते गए। 2019 के लोकसभा चुनाव में वह प्रधानमंत्री रहते दोबारा यहां से भाजपा प्रत्याशी बने।
इस बार मोदी ने 6,74,664 मत प्राप्त कर सपा की शालिनी यादव को 4,79,505 मतों से हराया। काशी की रिकार्ड 63.74 प्रतिशत मतदाताओं ने अपना वोट मोदी को दिया। मोदी का लगातार काशी से जुड़ाव और विकास कार्यों को देखते हुए भाजपा ने मोदी को तीसरी बार मौका दिया है।
अब तक हुए सांसद
भारतीय लोकदल
वर्ष | सांसद | दल |
1952 | रघुनाथ सिंह | कांग्रेस |
1957 | रघुनाथ सिंह | कांग्रेस |
1962 | रघुनाथ सिंह | कांग्रेस |
1967 | एसएन सिंह | सीपीएम |
1971 | राजाराम शास्त्री | कांग्रेस |
1977 | चंद्रशेखर | |
1980 | कमलापति त्रिपाठी | कांग्रेस |
1984 | श्यामलाल यादव | कांग्रेस |
1989 | अनिल शास्त्री | जनता दल |
1991 | श्रीशचंद दीक्षित | भाजपा |
1996 | शंकर प्रसाद जायसवाल | भाजपा |
1998 | शंकर प्रसाद जायसवाल | भाजपा |
1999 | शंकर प्रसाद जायसवाल | भाजपा |
2004 | डा. राजेश मिश्र | कांग्रेस |
2009 | डा. मुरलीमनोहर जोशी | भाजपा |
2014 | नरेन्द्र मोदी | भाजपा |
2019 | नरेन्द्र मोदी | भाजपा |