रामपुर में समाजवादी पार्टी के महासचिव आजम खान के जेल जाने और दारुल अवाम में दफ्तर सील होने से सपा को बड़ा झटका लगा है. ऐसे में पार्टी के सामने 2024 के चुनाव में अपना अस्तित्व बचाने की चुनौती है, क्योंकि आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्लाह आजम को रामपुर कोर्ट से 7-7 साल की सजा हो चुकी है और ये तीनों अलग अलग रामपुर, सीतापुर और हरदोई की जेलों में बंद हैं और चुनाव भी नहीं लड़ सकते हैं.
सपा के सामने अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि पार्टी यहां से किसे चुनावी मैदान में उतारेगी तो वहीं भाजपा के नेताओं का जोश हाई है. बीजेपी अभी से इस सीट पर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चुनाव की तैयारी में जुट गई है. बीजेपी के लोकसभा सांसद घनश्याम सिंह लोदी अपने चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं, उनका कहना है कि वह अपने कार्यकर्ताओं के बल पर चुनावी मैदान में उतरेंगे और रामपुर में फिर से कमल खिलायेंगे.
घनश्याम लोदी ने लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी आसिम राजा को हराया था और अब वो एक बार फिर भाजपा की जीत का दावा कर रहे हैं, तो वहीं सपा जेल में बंद अपने नेता आजम खान के बाहर आने का इंतजार कर रही है. 2024 में सपा को कोई मजबूत उम्मीदवार नजर नहीं आ रहा है जो पार्टी की नैया पार लगा सके.
रामपुर में बढ़ी सपा की मुश्किल
रामपुर के सपा कार्यकर्ताओं की बात की जाए तो वो अब भी कई नेता आजम खान के साथ खड़ें हैं, लेकिन कई नेताओं में विरोध के स्वर भी फूटने लगे हैं. सपा से निष्कासित चल रहे मशकूर अहमद मुन्ना 2024 में सपा के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने अखिलेश यादव चिट्ठी भी लिखी है उनका कहना है कि अगर पार्टी आजम खान समर्थक को टिकट देती है तो हार का सामना करना पड़ेगा. इधर सपा जिला अध्यक्ष वीरेंद्र गोयल का कहना है कि सपा का टिकट तो आजम ही तय करेंगे, जिसे पार्टी टिकट देगी उसे हम चुनाव लड़ाएंगे.
बीजेपी ने जमाए रामपुर में पैर
सपा के गढ़ रामपुर में अब भाजपा मजबूती से पैर पसारती दिख रही है. लोकसभा उपचुनाव और विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने सपा को हराकर कमल खिलाया है और 2024 में भी भाजपा के नेता कमल की जीत का दावा कर रहे हैं. रामपुर से बीजेपी आकाश सक्सेना ने तो यहां तक कह दिया कि आजम खान कौन हैं. हम किसी आजम को नहीं जानते, आजम कभी हुआ करता था, लेकिन अब सपा का सफाया हो चुका है. देश में फिर पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार बनेगी. हम अपने कार्यकर्ताओं के दम पर फिर चुनाव में जाएंगे और जीत हासिल करेंगे.